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पृष्ठ:स्त्रियों की पराधीनता.djvu/१९४

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जिन पुरुषों को हद दरजे की ऊँची तालीम दी जाती है उन्हें भी मौजूदा हालतों का ज्ञान कम होता है। जो बातें उन्हें इसलिए सौंपी जाती हैं कि वे उसके ठीक लक्ष्य पर पहुँचें, उन बातों का प्रत्यक्ष तत्त्व तो उन की आँखों के सामने बहुत ही कम आता है और उस तत्त्व के होने की जो शिक्षा उन्हें दी जाती है उसी पर वे जा पहुँचते हैं; पर स्त्रियों के विषय में यह बात बहुत ही कम घटती है। उन में जो प्रत्यक्ष स्वरूप को तत्काल भाँप जाने की शक्ति होती है-उस ही की कृपा से वे ऐसी भूलों से बचती हैं। जिनका अनुभव और बुद्धि समान हो ऐसे दो स्त्री-पुरुषों को चुना जाय-तो जो घटना प्रत्यक्ष रूप से उनके सामने घटित होगी, उसके वास्तविक स्वरूप को पुरुष की अपेक्षा स्त्री अधिक सरलता से समझ लेगी। अभी शास्त्रीय ज्ञान को एक ओर रख कर व्यवहार-ज्ञान पर ही विचार करें, तो वर्तमान काल की स्थिति का सच्चा प्रतिविम्ब मन पर उत्कृष्ट रीति से अङ्कित होने का गुण ही अधिक उपयोगी मालूम होगा। सामान्य नियमों को निश्चित कर डालना काल्पनिक शक्ति का काम है। इस बात को खोज निकालना कि, यह नियम किन-किन बातों में लागू हो सकता है और किन किन में नहीं और इस विचार के अनुसार ही उसका संघटन करना व्यवहारदक्षता का काम है; और इस काम के लिए स्त्रियों की वर्तमान स्थिति उन्हें विशेष योग्य बनाती है। इसे मैं स्वीकार करता हूँ कि, सामान्य