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पृष्ठ:स्त्रियों की पराधीनता.djvu/५८

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वर्त्तन होगया था। यहीं से लोक-सत्ताक राज्य की नींव डाली गई जिससे तमाम झगड़ा शान्त होगया।

८-मनुष्य-जाति की उत्पत्ति से एक बड़े लम्बे अर्से तक लोगों के साधारण व्यवहार में शक्ति का नियम यानी "लाठी उसकी भैंस" प्रचलित रहा है; इससे भिन्न प्रकार का न्याय किन्हीं ख़ास प्रसङ्गों पर विशेष कारणों से ही संगठित हुआ है-और वह बहुत कम कहीं दिखाई पड़ता है। इसके साथ ही हम इस बात का भी दिग्दर्शन ऊपर करा चुके हैं कि जब से लोग पारस्परिक व्यवहार में किसी नीति-मार्ग का अनुसरण करके चलने की आवश्यकता समझने लगे-उस समय को भी कोई लम्बा ज़माना नहीं गुज़रा। जिन रूढ़ियों और रीति-रिवाजों की उत्पत्ति बलात्कार के नियम पर हुई है उन रूढ़ियों को कोई विचारज्ञ और होशियार आदमी, अपने समय में प्रचलित करना कभी योग्य न समझेगा, किन्तु वैसी रूढ़ियाँ और रीति-रिवाज सुधरे हुए ज़माने में भी अनेक पीढ़ियों तक मौजूद रहते हैं और लोगों में वे सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं-और लोगों को न इसकी ख़बर होती है और न उनकी समझ में आता है। अब से केवल

चालीस वर्ष पहले*[] इङ्गलैण्ड में कायदे के अनुसार लोगों


  1. * पाठकों को स्मरण रखना चाहिए कि मूल ग्रन्थ सब से पहली बार १८६९ ई॰ में प्रकाशित हुआ था। इङ्गलैण्ड में जो लोग सेना या नौसेना में भरती होते थे उन्हें ज़बरदती विदेश ले जाने की चाल थी, उसे Impressment कहते थे।