पृष्ठ:स्त्रियों की पराधीनता.djvu/५९

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को इजाज़त थी कि वे अपने बाप दादे की सम्पत्ति के समान ग़ुलामों की खरीद-फरोख़्त करें और यह चाल तो अब तक थी कि आदमी को चुरा कर दूर-देश लेजाते थे और वहाँ उससे मौत के बिछौने पर सोने तक बेरहमी के साथ काम करवाते थे। बलात्कार के नियम का यह अत्यन्त उग्र और अन्तिम स्वरूप है। बलात्कार के नियम का यह भयङ्कर और निन्द्य व्यापार उन मनुष्यों को भी बुरा लगे बिना नहीं रह सकता जो अनियन्त्रित राज्यसत्ता के सब से अधम कार्य को भी क्षमा करने के लिए तैयार रहते हैं: तथा जो मनुष्य निष्पक्ष बुद्धि से विचार करेंगे उन्हें तो इसके स्मरण मात्र से ही रोमाञ्च हो आवेगा। फिर यह स्थिति अत्यन्त प्राचीन काल की नहीं है, बल्कि अपने आप को उन्नत गिनने वाले और ईसाई धर्म का अभिमान रखने वाले इङ्गलैण्ड देश में थोड़े समय पहले यह प्रथा थी, और उस प्रथा के अनुकूल सरकारी क़ायदा था-इस बात का प्रमाण देने वाले बहुत से मनुष्य तो अब तक जीते भी होंगे। इस ही प्रकार अँगरेज़ों के बसाये हुए अमेरिका के आधे से अधिक भाग में कुछ समय पहले ही ग़ुलामी की चाल थी,-वह चाल केवल चाल ही न थी, बल्कि ग़ुलामों के खास बाजार थे जिन में घी शक्कर की तरह उनकी ख़रीद-फरोख़्त होती थी और उन बाज़ारों में ग़ुलाम पहुँचाने के लिए बड़े-बड़े कारख़ाने थे जो दूसरे देशों से निर्दोष आदमियों को पकड़-