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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल
[वह मंच से उतर पड़ता है। उस के छोटे से भाषण के समय मजूरों में व्यग्र अशान्ति रहती है। राउस आगे बढ़कर मंच पर कूद कर चढ़ जाता है। चेहरा क्रोध से तिलमिलाया हुआ है। मजूरों के दल में अप्रसन्नता की भनभनाहट।]
राउस
[बहुत उत्तेजित होकर]
भाइयो, मैं कोरा बक्की नहीं हूँ, मैं जो कहता हूँ वह मेरे हृदय से निकल रहा है आदमी का स्वभाव देखिए। क्या यह हो सकता है कि किसी की माता भूखों तड़प रही हो और वह टुकुर टुकुर देखा करे? क्या अब हम से ऐसा हो सकता है?
रॉबर्ट
[आगे बढ़कर]
राउस!
राउस
[उसे रोष से देख कर]
सिम हारनेस ने जो कुछ कहा वाजिब कहा। मैं ने अपनी राय बदल दी है।
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