पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१८८

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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल

इवैन्स

इसी लिए तो हमें और भी उसका साथ देना चाहिए।

[ताली बजती है]

क्या इस विपत्ति में तुम उस का साथ छोड़ दोगे? उस की स्त्री मर गई है, क्या इस दशा में तुम उस से दगा करोगे?

[समूह एक साथ तालियाँ भी बजाता है और कुड़कुड़ाता भी है।]

राउस

[मंच के सामने आकर]

उस की स्त्री मर गई! क्या अब भी तुम्हें कुछ नहीं सूझता? तुम लोगों के घर में भी तो स्त्रियाँ हैं, उनकी रक्षा कैसे होगी? बहुत दिन न बीतेंगे कि तुम लोगों पर भी यही विपत्ति आवेगी।

लुइस

ठीक ठीक!

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