पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२०९

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

घंटी बजाती है। फ्रॉस्ट उस दरवाज़े से आता है जो बड़े कमरे में खुलता है।]

फ्रॉस्ट

हाज़िर हूँ।

एनिड

देखो फ्रॉस्ट, मज़दूर आज आयें तो उन्हें यहाँ लाना। हाल में बड़ी ठंडक है।

फ्रॉस्ट

मुरग़ीख़ाने में न ले जाऊँ, हुज़ूर।

एनिड

नहीं। मैं उन का अनादर नहीं करना चाहती। ज़रा सी बात में बुरा मान जाते हैं।

फ्रॉस्ट

जी हाँ, हुज़ूर।

[रुक कर]

मिस्टर ऐंथ्वनी ने आज दिन भर कुछ नहीं खाया।

२००