पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२१०

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

एनिड

मुझे मालूम है।

फ्रॉस्ट

बस, दो गिलास ह्विस्की और सोडा पिया।

एनिड

सच! तुम्हें उन को ये चीज़ें न देनी चाहिए थीं।

फ्रॉस्ट

[गम्भीरता से]

हुज़ूर, मिस्टर ऐंथ्वनी का मिज़ाज समझ में नहीं आता। उन्हें यह नहीं मालूम होता कि अब वह जवान नहीं हैं, इन चीज़ों से उन्हें हानि होगी। जो कुछ जी में आता है वही करते हैं।

एनिड

हम सब भी तो यही चाहते हैं।

फ्रॉस्ट

हाँ, हुज़ूर।

२०१