पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२३२

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

वाइल्डर

[उठकर कमरे में इस सिरे से उस सिरे तक टहलता हुआ]

व्यवसायी आदमी हूँ, और मज़दूरों को भूखों मार डालने के सन्तोष के लिए अपने नाम में बट्टा नहीं लगाना चाहता।

[आँखों में आँसू भरकर]

यह मुझसे नहीं होगा। ऐसी दशा में हम हिस्सेदारों को कैसे मुँह दिखा सकेंगे।

स्केंटिलबरी

हियर हियर हियर!!

वाइल्डर

[अपने को धिक्कार कर]

अगर कोई मुझसे यह आशा रक्खे कि मैं उनसे यह कहूँगा मैंने तुम्हें ५० हज़ार पौंड की चपत दी, और चाहे इतना ही घाटा और हो जाय, तो भी अपनी टेक न छोड़ँगा तो-

[ऐंथ्वनी की ओर देख कर]

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