पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२३६

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

एडगार

[गर्म होकर]

मैं कहता हूँ कि हम सब ज़िम्मेदार हैं।

ऐंथ्वनी

लड़ाई लड़ाई है!

एडगार

औरतों से नहीं!

वेंकलिन

बहुधा औरतों के ही माथे जाती है।

एडगार

अगर यह हमको मालूम है, तो हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।

ऐंथ्वनी

यह अताइयों के समझने की बात नहीं है।

२२७