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पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२४४

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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल

एडगार

मुझे विश्वास है कि अगर हिस्सेदारों को मालूम हो जाय कि-

वेंकलिन

मेरा ख़याल है कि आपको उनकी कल्पना में भी यही दोष मिलेगा। अगर किसी स्त्री का दिल कमज़ोर है तो क्या इस लिये-

एडगार

ऐसे उपद्रवों में सभी के दिल कमज़ोर हो जाते हैं, यह बच्चा भी जानता है। अगर हमने डकैतों की चाल न चली होती तो इस तरह उसके प्राण न जाते, और यह तबाही न नज़र आती जो चारों तरफ़ फैली हुई है। जिसे ज़रा सी भी बुद्धि है वह समझ सकता है।

[जब तक एडगार बोलता है ऐंथ्वनी उसकी तरफ देखता रहता है। वह अब उठना चाहता है लेकिन एडगार को फिर बोलते देखकर रुक जाता है]

मैं मजूरों की, अपनी, या किसी दूसरे की सफ़ाई नहीं दे रहा हूँ।

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