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अङ्क १]
[दृश्य १
हड़ताल
हार्निस
'न्यायी' की जगह 'दीन' कहिए मि॰ ऐंथ्वनी। मगर वह क्यों दीन बनें? यह संयोग की बात है कि उनके पास धन नहीं है, नहीं तो वे आप लोगों ही जैसे मनुष्य वे लोग भी हैं।
ऐंथ्वनी
ढोंग है!
हार्निस
ख़ैर, मैं पाँच साल अमेरिका में रह चुका हूँ। इस से आदमी के विचारों पर असर पड़ता ही है।
स्केंटलबरी
[मानो अपनी अधूरी गुर्राहट की कसर निकालने के लिये]
मज़दूरों को भीतर बुलाकर सुनना चाहिए कि वह क्या कहते हैं।
[ऐंथ्वनी सिर हिलाता है और अन्डरवुड इकहरे दरवाज़े से बाहर जाता है]
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