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पृष्ठ:हड़ताल.djvu/७३

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अङ्क १]
[दृश्य १
हड़ताल

राबर्ट

[आगे बढ़कर]

मिस्टर ऐंथ्वनी, अब आप जवान नहीं हैं। जब से मुझे याद है, आप हमेशा अपने मज़दूरों को शत्रु समझते आए हैं। मैं यह नहीं कहता कि आप कमीने या निर्दयी आदमी हैं, लेकिन आप ने कभी उन्हें अपने विषय में एक शब्द कहने का भी अवसर नहीं दिया। आप उन्हें चार बार नीचा दिखा चुके हैं। मैंने यह भी सुना है कि आपको लड़ाई अच्छी लगती हैं। लेकिन मैं आपसे कहे देता हूँ कि यह आपकी आख़िरी लड़ाई है।

[टेंच रॉबर्ट की आस्तीन छूता है]

अन्डरवुड

रॉबर्ट, रॉबर्ट!

राबर्ट

क्या रॉबर्ट रॉबर्ट कर रहे हो? जब सभापति अपने मन की बात मुझ से कहते हैं तो मैं क्यों अपनी बात न कहने पाऊँ?

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