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पृष्ठ:हड़ताल.djvu/८८

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अङ्क १]
[दृश्य १
हड़ताल

ऐंथ्वनी

[आहिस्ता से]

मैं अभी मरूँगा नहीं विश्वास रक्खो।

[टेंच काग़ज़ लेकर फिर आता है। वह उनकी तरफ़ कनखियों से देखता है। तब हिम्मत करके आगे बढ़ता है।]

टेंच

क्षमा कीजिएगा, मैडम; मैंने सोचा खाना खाने के पहले इन काग़ज़ों को निबटा दूँ।

[एनिड उकता कर उसी तरफ़ देखती है, अपने बाप की ओर देखकर यकायक लौट पड़ती है, और दीवान- खाने में चली जाती है]

टेंच

[बहुत डरता हुआ ऐंथ्वनी के सामने काग़ज़ और क़लम रखता है।]

कृपा कर इन क़ाग़जों पर दसख़त कर दीजिए।

[ऐंथ्वनी क़लम लेकर दस्तख़त करता है]

७९