पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/११४

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१०३ कचौरी-- पूरी से किसी कदर ढीला बाटा गूंध कर लोए बनावे और दाल पीस कर उसमें नमक, हींग, सोंठ, बारीक पीस कर मिलाए और लोई के भीतर उसको भर कर हथेली के बराबर कर पटा-बेलन से बढ़ावे और पूरी की भाँति सेंक ले। नागौरी-पूरी- ५ सेर मैदा में डेढ़ सेर घी, डेढ़ छटाँक नमक, एक छटॉक अजवाइन डाल कर गुनगुने पानी से माँड़े और फिर पटे-बेलन से पूरी के समान बेल कर घृत में सेंक ले। खस्ता कचौरी- पाँच सेर मैदा, सेर भर घी, श्राध सेर तेल, दो सेर गुनगुना पानी, ३ छटांक पिसा हुआ नमक, डाल कर मांड ले । और सवा सेर उरद की पिट्ठी में एक-एक छटाक धनियां, सोंठ, मिरच, एक-एक तोला जीरा, लांग अच्छी तरह पीस कर डाले । फिर उस पिट्ठी को कढ़ाई में घी डाल कर खूब भूने । हींग पानी लगाते हुए हथेली से चपरा कर कढ़ाई में छोड़ता जाय । जब सिक चुके तो बाहर निकाल लो। - पूरन पूरी- श्राध सेर अरहर की दाल उपयुक्त पानी में उबाल ले, जब गल जाय तो उतार कर पानी निचोड़ दे-हाथ से मथ कड़ाही में प्राध सेर चीनी, १ तोला सफेद इलायची, दो पैसे की किश-मिश डाल कर सब को उतार लो, फिर कचौरी की तरह भर कर सेंक लो। मीठी पूरी- अध पई सेर के हिसाब से मोयन डाल लुचई बनाने योग्य मैदा गंध अन्दाज से मिश्री और एक पाव पिश्ता, अाध पाव बादाम, अदरक का रस दो तोला, दालचीनी और लौंग २ श्राना भर, पीस कर मिला लो फिर कचौरी की भाँति इसे लोई में भर कर घी में उतार लो ।