पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१२७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

खाल रंग कई चीजों से बनाया जाता है; लाल रंग के साग को श्राध सेर ले कर पीस डालो । पीछे धी में उस टिकिया को भून लो । उसमें मैदा पकाने से लाल रंग होगा या लटकन के फूल को घीमें पकाने से लाल रंगहोगा । हरा रंग- सोवा के साग के रस में मैदा सानने से हरा रंग होगा । पोदीने के रस से भी हरा रंग होगा । पालक के साग की टिकिया घी में भून कर भी हरा रंग बनाया जाता है। सुरमई रंग- सुपारी जला कर उसमें बराबर की केशर मिला कर रंगने से सुरमई रंग होगा। उदा रंग- अनार दाना के गर्म किए अर्क में लोहा लाल कर के बुझा लो श्रीर उस से मैदा सान लो, बस उदा रंग हो जाएगा। स्याह रंग- सुपारी जला कर मिलाने से स्याह रंगत होगी। पीला रंग- केशर को पानी में पीस कर मिलाने से पीला रंग होगा। गुलाबी रंग- केशर में सिंगरफ मिला कर रंगने से गुलाबी रंगत होगी। नमकीन शकरपारे- एक सेर मैदे में पाव भर घी का मोयन देकर दो तोले पिसा नमक, एक तो० अजवायन और एक तो० मंगरीला डाल कर कड़ा सान डालो। पीछे बेल कर चाकू से चौकोने शकरपारे काट, घी में भून ले।