पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१३२

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रोचक होने के अतिरिक्त पेट की समस्त व्याधियां का दूर करता है। विधि-अध पके श्राक के पत्ते पाय भर ले खोलते हुए पानी में छोड़ दो। १५ मिनट बाद निकाल, सौंफ, धनियाँ, सोंठ बारह-बारह तो०, हींग १ तोला, बडी इलायची ६ तोले, स्याह जीरा २ तोला, सफेद जीरा २ तोले, दालचीनी ६ तो०, काली मिर्च १० तोले, पीपल ३ तोले, लौंग एक तोला, सूखा पोदीना २ तो०, जायफल ४ तो०, जावित्री ४ माशे, जवाखार चार माशे और सेंधा नमक १ तो० पीस कर उन पत्तों पर छिड़क दो । फिर ऊपर-नीचे जोड़ चीनी के बर्तन में रख ऊपर से श्राध सेर नीबू का रस छोड़ दे, १० दिन में तैयार होगा। मुरब्बा जैसे अचार कई तरह का बनाया जाता है, उसी प्रकार मुरब्बा भी कितने ही फलों का बनाया जाता है । विशेषतः फल अपनी प्रकृति के अनुसार गुण देता हुआ दिल और दिमाग को शक्ति देता है, नेत्रों की ज्योति को बढ़ाता है। अनन्नास- अनन्नास को छील उसकी आँखें निकाल डालो। फिर एक रुपये भर चूना और नमक मिला कर अनन्नास को अच्छी तरह से मलो । पानी निकल जाय तो काँटे से गोद कर टुकड़े कर लो । यदि टुकड़े एक सेर हों तो ढाई सेर चीनी की चाशनी बना उसमें डाल दो, नीम्बू का रस डाल कर पकायो । जब टुकड़े अच्छी प्रकार से गल जाएं और चाशनी गाढ़ी हो जाए तब उसे ठण्डा कर अशुतबान में भर दो । समय पर कार्य में लायो। 'आम-- अच्छे गद्दर श्राम, जिन में रेशा न हो, दो सेर ले कर चाकू से ऐसा छीलो कि हरा छिलका जरा भी न रहने पाए । बाद में गूदा निकाल कांटेकस से गोद, जर्जर कर डालो, फिर श्राध पाव चूने के पानी में --