पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१४२

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रहना भी अधिक आवश्यक है । मर्ज, कश्मीरा श्रादि ऊनी कपड़ों को धोबी से न धुलवा, घर में धोना विशेष लाभ दायक होगा, क्योंकि उनके यहाँ धुलाने से वस्त्र शीघ्र ही गल जाते हैं । श्राः घर में ही गर्म पानी में साबुन उबाल कर धोना उचित है, कपड़े का धोना कपड़े धोना प्रत्येक लड़की को भली भाँति सीखना चाहिए और निरालस्य होकर कपड़े धोने का अभ्यास भी करना चाहिए। धोबी कितना कष्ट देते हैं तथा धोबी पर कितना खर्च होता है यह सभी जानते हैं । फिर-धोबी लोग सब प्रकार के छुन के रोगियों के कपड़ों को एक साथ रख कर धोते हैं जिसका फल यह होता है कि बहुत से रोग के जन्तु कपड़ों में मिलकर रोग फैलाते हैं । यह बान बहुत जरूरी है कि धोबी के यहां से पाने पर कपड़ों को २-३ घण्टे तक धूप में डाल कर भली भांति सुग्वा लिया जाय । बहुधा श्रीवी कपड़ों को किराये पर दे देते हैं या स्वयं पहनते हैं । इसलिए साधारण निन्य के इस्तेमाल करने के कपड़ों को यदि वा में धो लिया जाय तो बहुत लाभ हो सकता है । यदि तुम स्वयं न धो सको तो अपने नौकरों से ग्रासानी से धुलवा मकी हो। कपड़ा धोने में, पानी कितनी प्रकार का होता है अंर किस प्रकार के पानी में कपड़ा साफ हो जाता है, इस बात का ज्ञान होना जरूरी है। प्रायः देखा जाता है कि नदी या तालाब के पानी में धोया करड़ा अधिक साफ होता है, कुर के पानी में अधिक साफ नहीं होता, क्योंकि जमीन में बहते रहने के कारण पानी में प्रायः बहुत प्रकार के क्षार और खड़िया का अंश मिल जाता है, इसी कारण से उस पानी में कपड़े अधिक होते हैं । वर्षा का पानी भी सदेव अच्छा होता है क्योंकि जमीन पर गिरने से नाना प्रकार के क्षार उस में मिल जाते हैं।