नील डाल दो । पहले फलालेन को सिर्फ साबुन के पानी से खूब धो लो। फिर दूसरे टब में डुबो-डुबो कर धोयो। इसके बाद कपड़े को दबा दबा कर निचोड़ो । मरोड़ कर मत निचोड़ो। फिर हाथों से पकड़ कर काड़े की शिकनें मिटायो और उसे सूखने को डाल दो। जब थोड़ा गीला रहे तब हाथों से पकड़ कर बल निकाल दो । फलालेन के कपड़े पर साबुन रगड़ कर कभी न लगायो । ऐसा करने से उसके रोएं झड़ जाते हैं । इस कपड़े को मोड़े से भी माफ न करो-इस से उसका रंग पीला पड़ जाता है। फलाले न के प्रत्येक हिस्से को जल्दी जल्दी धोना चाहिए, और प्रत्येक कपड़े को अलग अलग धूप में या हवा में सुखा दो। हवा में सुखाना अच्छा है । बरसात में यदि किसी कमरे में सुखाना हो तो कमरे की हवा आग जला कर गर्म कर लो और कपड़े को जल्दी जल्दी लौट लो । यदि फलालेन का कपड़ा बहुत मैला हो गया हो तो उसे तीन टबों में धोना चाहिए । परन्तु जहां तक सभव हो फलालेन के कपड़े को बहुत मैला होने के प्रथम ही धो डालना चाहिए । अधिक मैला होने से कपड़ा खराब हो जाता है । फलालेन को धोने के लिए साबुन का पानी तैयार करने की तरकीब यह है कि तसले में पहिले साबुन को भीगने दो। फिर टब में पानी भर कर उस भीगे हुए साबुन को मल दो । यदि कपड़े धोने से प्रथम साबुन का पानी ढएडा हो जाय तो फिर और साबुन का पानी तसले में उबाल कर उस में मिला दो । बर्तन खूब साफ होना चाहिए। कश्मीरा, मलीना, सर्ज आदि साफ करना- इन कपड़ों को धोने से पहले ब्रश से अच्छी तरह झाड़ लो। इसके बाद गर्म पानी में साबुन का फेन निकाल कर उसमें कपड़ों को भिगो दो। इस पानी में यदि अमोनिया भी डाल दिया जाय तो सफाई बहुत. अच्छी होगी । पानी में कपड़ों को डालकर हाथ से या बुरुश से मलने की
पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१४५
दिखावट