पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१५२

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१४१ लिए उत्तम है। यदि नक्काशी का काम हो तो ब्रश को काम में लेना- चाहिये । वालूत की लकड़ी के लिए गर्म शराब अच्छी होती है । खूछ- चमकदार चीज को प्रथम स्प्रिट और पानी से धोना चाहिये । दो बड़े चम्मच भर स्प्रिट को एक पाव पानी में डाल स्पंज भिगो कर सामान को धो डालो । सूखने पर चमड़े से खूब रगड़ दो। काले रंग का दयार का सामान साबुन और पानी में धोया जा सकता है। पर हमेशा ध्यान रखो कि लकड़ी अधिक गीली न होने पाये । टेबुल या चौकी पर दूध आदि के गर्म बर्तन रखने से जो धब्बे पड़ जाते हैं, वे कपूर के अर्क से साफ किए जा सकते हैं । स्याही के दाग को जरा-सा अाकसलिक एसिड दूर कर देगा। पर तेजाब बहुत ज्यादा न लगाश्रो । इसे कार्क से लगाना चाहिए । दाग छूटने पर तेजाब को पानी से धो कर मूग्वने पर पालिश करना चाहिए। गद्दीदार सामान को साफ करने के लिये गद्दी को प्रथम खूब पीटो और ब्रश से साफ करो । यदि गद्दी का कपड़ा अधिक मैला हो गया हो तो नर्म-नर्म चोकर मलने से कुछ साफ हो जायगा । चमड़े की गदियाँ साबुन के पानी से धोई जा सकती हैं । स्पंज से यह पानी लगायो और रगड़ कर पोंछ डालो । सूखने पर पालिश लगा दो। सफेद बेत का सामान साबुन, गर्म पानी और अश से साफ करो। पहिले साबुन को घोलो और फिर उसमें नीबू का रस और पानी मिला कर सामान पर खूब मलो। फिर खुली हवा में रख कर सुखा लो। यदि चिकनाई के दाग पड़ गये हों तो जरा सी स्प्रिट मलने से छूट जावेंगे। हाथी दाँत के सामान को हवा से बचा कर रखने से वह साफ रहता है। इन चीजों को शीशे के डब्बों में बन्द कर के रखा जाये। यदि दाँत की कोई चीज पीली पड़ गई हो तो उसे काँच के डब्वे में रख सूरज की किरणों में रख दो-वह साफ निकल श्रावेगी। दाँत की जालीदार चीजों में यदि मैल भर गया हो तो साबुन का पानी उबाल कर