पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/४३

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सोने के कमरे में दवाजों और खिड़कियों की संख्या अधिक और यथा-संभव आमने- सामने होने चाहिएं । कुछ खिड़कियाँ या हवादान ऊपर भी होने चाहिएं, जिससे सर्दी के मौसम में दीजे बन्द करके सोने से हवादानों से हवा श्राकर कमरे की दूषित वायु को स्वच्छ करती रहे। कमरे में बिस्तरे और चारपाई के अतिरिक्त फालतू असबाब बिलकुल नहीं रखना चाहिये। असबाब इस तरह रक्खा जाना चाहिये कि कमरे में झाडू श्रासानी से लग सके और प्रत्येक स्थान साफ रह सके । रसोई घर सदा साफ रखना चाहिये । खाने-पीने को जॅठन, तरकारियों के छिलके, बर्तनों की धोवन आदि दूर हटा कर रसोईघर शुद्ध और पवित्र रखना चाहिये। खाने-पीने की चीजें मक्खी, चूहे कुत्ते और बिल्लियों से बचा कर रखनी चाहियें। मवी बहुत बुरा प्राणी है, यह रोगों को फैलाता है, कीड़े और गन्दगी को टांगों में उलझाए फिरता है, इसे खाने-पीने की चीजों पर कभी न बैठने देना चाहिए । इसके लिये रसोई घर साफ और दाजों पर चिकें डाल रग्वनी चाहिये। चूहा भी बुरा जानवर है, प्लेग इसी के द्वारा फैलता है। इन्हें भी यत्न-पूर्वक भगा देना चाहिये। पाखाने, मूत्रवर और नाबदान हमेशा धोकर साफ रखने चाहिये । घरों के फर्श हर हफ्ते धोकर या लीप कर स्वच्छ रखना चाहिये । घरों में साल भर में एक बार जरूर सुफैदी करानी चाहिये । दीवारों को झाड़-झपट कर हमेशा साफ रखनी चाहिए । मकड़ी जाले आदि नहीं लगने देना चाहिए।