पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/४६

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रात को पढ़ना हो तो रोशनी सामने न रख कर इस-तरह रखना वाहिये जिससे किताब पर तो प्रकाश रहे, परन्तु लम्प आँखों के सामने न रहे। सोना रात को 8 बजे तक जरूर सो जायो और प्रातःकाल शीघ्र उठ बैठो। बच्चों के लिये ७ से लेकर ६ घण्टे की नींद काफी है। सोते समय सब तरह की चिन्ता और फिकर दूर करके कुछ भी न सोचते लेटना चाहिये । इमसे अानन्दमयी निद्रा श्रा जायगी। अच्छी नींद वह है जिस में सपना बिल्कुल न दिग्वाई दे और शान्ति पूर्वक मोते रहें । ऐसी नींद से थकान मिटती है, सब इन्द्रियों को विश्राम मिलता है, उनमें नई शक्ति पा जाती है। निद्रा से जाग परिश्रम करने के लिये अपने को स्वस्थ और तैयार पाता है । कर मनुष्य छठा अध्याय पाक-विद्या पाक-विद्या स्त्रियों का सर्वोपरि गुण है । जो कन्याएं बचपन से पाक- विद्या का ज्ञान प्राप्त करती हैं वे यश और प्रतिष्ठा प्राप्त करती हैं। यह विद्या बहुन कठिन है परन्तु सीखने से अवश्य पाती है । इस विद्या का विज्ञान से बहुत सम्बन्ध है। जिस-जिस देश में जैसी-जैसी जलवायु होती है उस-उस देश के भोजन भी उसके अनुकूल होते हैं । भोजन के श्राधार पर ही शरीर को गठन, शक्ति, बल-वीर्य, स्वास्थ्य एवं मौन्दर्य स्थिर रहता है। भारतवर्ष में यों तो सरदी, गरमी, वर्षा ये तीन ऋतुएं प्रधान हैं,