पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/९६

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८५ जरासा घी चुपड़ कर भाड़ में या भूभल में भून लो । गलने पर छील कर मथ लो । फिर नमक मसाला मिला कर गरम मसाला और पिसा हुआ अमचूर डाल घी में छोंक दो । बहुत स्वादिष्ट बनेगा। गोभी-- गोभी का फूल भी शाकों का राजा है । इसे काटते समय कड़ी डण्डी का गूदा लेना चाहिए । फूल खूब गुथा हुश्रा सफेद रंग का होना चाहिए। इसके बड़े-बड़े टुकड़े बना लो । सेर पीछे श्राधा सेर भालू भी काट कर मिला लो । फिर धनियाँ, हल्दी, लाल मिर्च पानी में पीस डेगची में घी छोड़, हींग और गर्म मसाले का बघार दं कर भून लो । और गोभी डाल दो, चला कर पतीली का मुंह बन्द कर दो और पकने दो, इसके बाद धनिया २ तो०, लौंग, इलायची , दालचीनी, तेजपान प्रत्येक ४-४ माशा, अदरक १ तोला, सब को पानी में पीस जब भालू गल जायं तब डाल दो और चला दो फिर पानी का छींटा दे और १ छ० अमचूर झन अंगारों पर रख कर दम दो । बहुत स्वादिष्ट बनेगा । चचेंड़े की तरकारी-- एक सेर चचैड़े पानी में धो कर टुकड़े पानी से उबाल लो । फिर धनियाँ एक तोला, दोनों जीरे २-२ माशा, स्याह मिरच ३ माशा सब को पानी में पीस डालो। और चचेंड़ निचोड़ कर मसाले में मान लो बाद में श्राधा पात्र घी एक रत्ती हींग, चार रत्ती जीरा सफेद, २ रत्ती राई, चार रत्ती सौंफ और चार रत्ती तेजपात छोड़ कर बघार दा । और पलटे से चला कर भून लो। जब सुगन्ध श्राने लगे तब ५ नोला चीनी, आठ माशा नमक और १ पाव दही छोड़ दो । ढक कर मन्दी प्रांच से पकायो । रसदार बनाना हो तो पानी छोड़ दो । तैयार होने पर किसी बर्तन में निकाल लो। टिराडे-- नर्म और छोटे-छोटे टिण्डे ले कर छील डालो तथा भीतर के बीज