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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१२३

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विना पानी के चांवल- बढ़िया, महीन चापल लो और भली भाँति धो डालो और भिगो दो । अब एक चौड़ा पत्थर भाग में इस भांति गर्म करो कि लाल हो जाय । उस पर चावलों को फैला दो ऊपर से मोटा अंगोछा भिगो कर ढक दो। कुछ देर में वे गल जावेंगे। तब उन्हें बटोर कर पतीली में रख ऊपर से पाच भर घी गर्म कर के छोड़ दो। फिर पल्टेसे नीचे ऊपर चलाते रहो। फिर ५ मिनिट पतीली को दम पर रख लो। ये चावल खूब स्वादिष्ट बनेंगे। नमकीन चावल- चावलों को धो कर पानी निचोड़ लो तब जीरा, इलायची और सैन्धा नमक अन्दाज से मसल दो। फिर पतीली में भर, मुँह बन्द कर दो और नीचे-ऊपर आँच दे कर दम में पकायो । अब गल जाएँ तब इच्छानुसार धी 'छोड़, चावलों को भून लो। ये चावल खूब स्वादिष्ट बनेंगे। बढिया नमकीन चावल- खूय महीन पुराने चावल १ सेर, दूध १ सेर, दही दो सेर, घी १ पाय, नमक ३ तोला, केसर २ माशा और कागजी नीबू १ संग्रह करो। अब चावल अदहन में नमक छोड़ कर पकायो। जब उफान आ जाय तो पसा लो। फिर दही, नमक और कागजी नीबू का रस उसमें छोड़ दो और पल्टे की डाँडी से नीचे ऊपर चला कर फिर पकायो । जव कनी गलने को रह जाय तव किसी पतले कपड़े में उडेल कर सब पानी निकाल दो और हवा में फैला कर ठण्डा कर लो । अब मिट्टी की हाँडी चूल्हे पर चढ़ायो जव तक १११