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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१५१

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. मीठा अचार-- अच्छे गद्दर ग्रामों को ले कर छील डाले और उनकी फांके कर गुठली निकाल दे, फिर राई एक छटांक, सौंफ १ पाव, मेथी आध पाव, सफेद जीरा एक छटांक, स्याह जीरा डेढ़ छटांक, हल्दी आध पाव, गोल मिर्च १ छटांक, लाल मिर्च आध पाच, धनियां एक छटांक, नमक पांचवां हिस्सा, अच्छी हींग तीन माशे ( घी में भून ले ) इसके बाद प्रामों में डाल कर चार या पांच दिन धूप में रक्खे, फिर आमों से दुगनी गुड़ की चाशनी डाल दे। करेला- अच्छे नरम और छोटे करेले पाँच सेर लेकर उसके ऊपर के हरे छिलके चाकू से उतार दे, उपरांत नौ माशे नमक,६माशे हल्दी, पीस करेलों पर मसल एक ओर रख दे, जब पानी नितर जाये तो, हींग ६ माशे, स्याह जीरा ६ माशे, सफेद जीरा एक तो०, लौंग एक तोला, इलायची दो तोला, दालचीनी छै माशे, धनियां आधी छटांक, मेथी आधी छ०, मंगरीला दो तो, सौंफ आधी छ०, जावित्री ६ माशे, शीतल चीनीमाशे, पीपल १ तो०, काली मिर्च आधी छटांक, सांभर नमक एक पाव, मिश्री पांच तोले, इन मसालों को तेल में भून करेलों में भर मर्तवान में भर दो, फिर आधसेर निम्बू कारस डाल दो, ३ दिन पड़ा रहने दो, अनन्तर उसमें तेल डालो। यह पित्त को शान्त करता और चित्त को प्रसन्न करता है। किशमिश-- किशमिश एक सेर, अंगुर का सिरका चार सेर, पिसी काली मिर्च एक छटांक, सफेद जीरा दो तोला, स्याह जीरा १३८