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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१९४

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अध्याय दसवां - व्यायाम कन्याओं को व्यायाम भी करना चाहिए इस बात पर पुराने लोग हँसी उड़ा सकते हैं । पर वास्तव में प्रत्येक कन्या शक्ति का अवतार है । और उसे पूर्ण वीरांगना बनाना चाहिए । अब वह समय गया कि स्त्रियों की रक्षा का ढोंग करके पुरुष स्त्रियों के शरीर और आत्मा के स्वामी बने रहेंगे । अब आगे आने वाली पीढी में स्त्रियां स्वयं अपनी रक्षा करेंगी।और उनमें वीरता, दर्प और तेज रहेगा। व्यायाम करने से कन्याओं का जिस्म लचीला, सुगठित- सहिष्णु और सुन्दर बनेगा। चक्की पीसना, पानी खींचना, दौड़ना, मूसल चलाना, दही विलोना, भी कसरत है। पर हम नीचे उनके लिए डम्वल की कसरतें लिखते हैं। जो उनके लिए अति उपयोगी सिद्ध होंगी। । डम्बल की कसरतें कन्याओं को डम्बल की कसरतें करने के लिए ४ पौंड के स्प्रिंगदार डम्बल लेने चाहिए । अभ्यास इस प्रकार करना चाहिए- १-सीधी खड़ी रहो। दोनों एड़ियाँ मिली रहें । पर पैर के अंगूठों में ६-७ इन्च का अन्तर रहे। शरीर तना रहे। दोनों कुहनी बगल से लगाओ । डम्बल को खड़े पकड़ कर कुह-