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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/८५

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गेहूँ- मीठा, ठण्डा, भारी, कफ कर्त्ता, वीर्य वर्धक, बलकारक, चिकना, टूटे स्थान को जोड़नेवाला, सुन्दरता उत्पन्न करने वाला, आवाज को सुधारने वाला और जख्म की बीमारियों में गुणकारी है। काठा गेहूँ- जो मारवाड़ में होता है-उसकी थूली दलिया बनती है। विशेषपुष्टिकारक, शीघ्रपाचक और मैथुन शक्ति को बढ़ाने वाला है। मधूली गेहूँ- मथुरा, आगरा, दिल्ली में होता है। कुछ छोटा होता है वह ठण्डा, चिकना, हल्का, पुष्टिकारक और पथ्य है। ७४