पृष्ठ:हम विषपायी जनम के.pdf/१९

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४९५ ४९७ ४९९ ५०१ ५०८ ५११ ३७ गहन समिता की परिया ३८ ओ तुम अविचत नीर । ३१ कमल नेहरू को स्मृति में ४० मद ज्यानि ४१ यह है विप्लव का गध, भाई ४२ मेरे अजीत की ज्योति लहर ६३ ओ तुम मेरे प्यारे जवान । १४ बरे तुम हो काल के मी राण ४५ ये जाये ये बाये।। ४६ ऐमा या हमें अधिकार । ४० वा पर-पश, डगमग पग मानद ४८ मेरे साया बनात नाम ४९ नरक के कोडे ५. चितार ५१ सनिक, बोल। ५२ आ मजदुर किसान, उठो ५३ अरोधक उठ १४ गडगडाहट गगन भर में ५५ दश्च हो रहे है मेरे जन ५१४ ५२० ५२३ ५२५ ५२९ ५४० ५४२ स्मरण वीय ५४७ ५४८ १ पधारो गराई में आग २ मेरे स्मरण दीप को बानी ३ दन गर्जन क्षण ४ विस उठो प्रियतम तुम ५ फिर यही ६ प्रिय, लो दूब चरा ह सुरज ७ को मेरे मधुराघर ८ मे भायन के पारापर ५५६ 1 १० पा सय रोने वाले बम विषपाया जनम के