पृष्ठ:हम विषपायी जनम के.pdf/४२१

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विदिया 7 लघुरेद्र पिदु है क्या यह- मेरी बेदना परिधि का लोहित मोती यह क्या है- मम अतल विरह-वारिधि वा बितने - गहरे से उसको- सुकुमारि, उठा लायी हो। कितनी हिम निधियाँ, बोलो, तुम आज एटा आयी हो यया नृत्य चतुर नयनो की, है सुघड ताल बी टुमकी ? मह विदो है सिन्दुर री? या टिकली है युकुम की? भृकुटी - संचालन या उथल-पुथल होती थी, यह निगन (१) विचारी यो ही अपनी सुध - बुध सोती थी, यह भ - विशाल तो या ही,- टिकली भी आन पथारी, भौहो के मृदु फन्दे मे- पड गयी गाठ सुकुमारी। बया सुन्दर साज सजा है- मदु नयनो यी गाती का सट्टा सामा इन प्राणो वी पासी का 1 I हम विषपायी जनमक