पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१५६

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[१॥ 1 -०१३७२ लगभग यनैमान के कामदाम का दीवान जोगनरवि --प में और भी मात मही! के प्राधमदाता थे। दे० (-४) (4-५) मारा दे.(Prate)

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नावश्य--मडेविषय में एक भी मात नहीं। साम्मद शा--पे एक मुसमा कवि थे। इनके समयकी संचार दे(-) शिप में और कुछ मी मात्र महीं। मुरलीपर-माधीदास पुन: रसमा बामाता (२६) स. १७५३ मग वर्तमामा वैसी परम-क्यासिंह , नि.स. १३, निवासी१२०९-१०) लि.का.वि.पोतिष फारसी मुरलीपर-परा निवासी हामी प्रामनाथ के प्रय का अनुमा(ब-१५) मपानी पथक अनुपापी थे। मह चिंतामधि-समूमाथ विपाटी रुख, मिस बीमार मोदी दि.(45) का००, हि-कास र बिक मुसम्पद भाजीप- भाममक पुष औरगज REET अघ मुदत विमपि का पचानुवादा रूपी कगमग वर्तमान कपि (१-२३४५) पलवार के भाभयदा ये है (ग-२) बितरपशि---मरणास कसा दि० मुहूर्त मुहम्मद अनवर-शायातम के सरकारों में पे, पितामणि का मायानुवार (-10ो इनके रहने से बलवीर पति विना सर्व मुकामही–गोसामी गिरिधर FOR रखा था।20(ग-२) पोसिए के अनुसार यमायममा का पर्वग सरस्मा गजली दिवाव पर मापा पारस भाग-रूपाराम न किस रिममाकर-मोने याह या निकास वि० मुसलमानी येहांत और धमे मौतिकी ११, शिवका-संपबिपकर पुस्तक कीमिपाए समयत का सामानुवाद । नही दियो मार पीयों का पर्सना (E 7 सम्पद गोम (शेख) तामक्षेम के सीत शाल व रोसा सिंह (मपान ) मिस गुहा (स-१२) ०१२, विरेलर मर की कथा । मुरम्मद बाप-बोरास हत, दि० कौर और (क्यू) मुहम्मा के प्रमोचर 12.(अ-१५२ मेड) मच मारव-प्रतसिंह (पान) T; fream माम्मदशा-मुगल काका बाश्था राम्प KAR. मारत का सारा वर्णन Rom-leoरति मम, कवि 2.(माई) माजम हगमलणारी मा (एनका पा की सगारती (काम्प) धवन कसा निकर और रपाधि दी) और मानव क भाभयदातर थे। १५८ ( सपिनगर