पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१७४

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[१] रामदयाल मनबोध कृषि के पिता जाठि के। रामनारायण-ए० रखपति, जपपुर नरेशमा मालवीय बाडो यामण रहापुर (मिर्जापुर) राम मतासिद के दीवान सीपरम लिंगी निबाधी, स० १४१ पूर्व परीमान थे।दे० माधिठा बयपुर निवासी सं०१७के लग मग पर्तमान। विशालदे(७-५) रामदास-मासती (माकपा) मियासी, मनोहर- रामनारायण-पेमापोध्या मरेण महाराज मान पासपुर। 1 र भनिनबीच्या दे० (ए-२०२५) सिंह के मुगी ये रवी शादी में वर्तमान । मामास्यत्रा दे०(८-२१२ वी) भानुबन दे० (-२५२) रापदेव-इनके विषय में कुछ भी मात मही। रामपदापसी-रामवरणास करा लि का०स० भयोम्पा विवे० (-२४५) MR वि० रामयाबी का राम्-विहार रामपन-कपि हरिचरणवास कपिठा वासुदेय पर्णन।०(-२४५ एम) के पुत्रबैनपुर (सारन) निवासी स० १७१६ रामपकाश-मुनिलाल मत निका०स०१९४९ जगमग पर्तमान । दे०(64) लि. का० ० वि० मलकार 120 रामम्यान मंजरी-स्वामी प्रपदास समि० (9-28) सु०१४५१, वि० राममानजी की स्तुति । राममसाद- १०५ के जगमग वर्तमान विज्ञ प्राम (बरपाई) निवासी, मावि के मार थे। रामनाप-ए० प्रपाम १९१२ सामग मिमी पुरागरे (अ-२५४ ए) बर्तमान, रौपम्य के मंत्री पराने के पंड, सुपर पा १०(7-२५४ बी) बॉमरेड भाभित थे। राम मिपासरन-ये जनकपुर के महत १० गम हो रहस्प दे० (ब) २४२ केलगमा वर्तमान । म०प० (२) सीतापन दे०(४-२५५) ५३ राममक्ति मकाशिका-सामीप्रसार निः राम बना दे० (-२१४) २०५० (२) का०७१७२ लि. का००१ वि० केशवास हत पमन्नामिका पर रोका। दे० ५३ Hि JI (अ-२५३) (प-२०) रामनाम-जाति के पासपेयी प्रामण, पटियाला | रामयाजा-परशस या निका०स०१.०६ मग महाराज मरेंद्रसिंह भाभिव, स. पि० राममाम महिमा वर्णना(-१४७५) २८१२ केशगमग पम्मान थे। राम पालिका-रामचरणदास का नि० ० रजभूषा(प-३३)(11) संसपिराम और सीतर का घना महामार बाय १०(-६३) दे०(ज-२४५ सी)