पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१८६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

बंशी वर्णन-अम्प माम पौरप्पचीसी, दोरम मन्त्रमदास-मामी संप्रदाय के वैम्पावा यस कपित्त, सि.10 MORE: पि० पंशी निधासी, सबसमामी क मनुयायी थे। का पणन 120(म-) सेवा पानीमा मिरासदे०(ज-३२५) मनाम की कपा-रामकृष्ण प्रोये वि० पनप रतिफ-हरिवास के शिया उन्म का समरिषश के मापार पर राजा पपनाम की कथा का वर्णन । दे.(-१०० भाई) स० पयरक्षम संबहार के अनुपापी पे। पशुचि अय-सकर रस नि० का० स०६२०५ माम सिबीना मॉक 2०(6-१७) वित प्राणों के धर्म और बाप का पन । (ए-परि-१-१०) बराय रसिकसीकी (ज-३२६) बननन पशंसापाद मप-महाराज सातसिंह वनमरसिक की मौम-यममरसिक कता वित (मागरीदास) मि० का. स. १४ मौकारापिका का यम । दे०(१७) यिकाषन की भूमि, गराम, लता, पक्षी, मनमरसिफ की सामी-वनभरसिक र पर भीर जीव जनु मादि की प्रशंसा तथा वि० रापावरचमी समाप के गाने योग्य पद । रामारण की पंदना । २० (ब-१७) पनरिनोद लीया महाराम सावतसिंह (नाग मामाचार्य- बिटुमनाय के पिता परम सम रदास) 6 निकास १०E, वि० दाय के सम्मापका जन्म का स० स: हम का प्रथमों के देश से बसे पुरा- मृत्यु कर० स०१५ परिवास के गुष थे। करवाने कीलीक्षा का वर्णन।०(क-१२२) दे०(-) (--)(स-११५) पनविहार (नीला)-घुवरासत, पिरापा पसम-ग्रडा विश्वमापसिंह का पि० प्रम और कृष्णक विहारकीला, भजन तथा माहात्म्य गोपनापन। २० (-३२५ बी) वर्णन । ३० (-तीन ) (-1) पसंक-मिरमनदाध के पिता चामन्यपुर निषाप्ती, पर्णपाचा--भूएमारायसिंह यानि कास० स०१७-4 के पूर्व वतमान । ६०(-२०२) 1८४५१ वि०म्पिवासिनी देवी की पवना । बसतराम--सूदन पिने पिता आदि के मापुर दे-१-२ वी) चौपः मधुर मियासी। स० १८७४ के पूर्व पोस्सर--पानिवास या सि का सं० पतमाम थे। दे० (-) PER पि. रामानुज संप्रदाय के पर्व पर के पसंतपिहार नीति-तुराम निका० उत्सपो पर पाने घोरप पर मोर मनन । स०१०, जि. का. स. १११ वि० गुति २०(ज-ter) सौ का भाषानुवाद पर मनुवार मौसषी बनम भट्ट-कुमारमणि के पिता वठिया (बुदेल भामुल हवी की सहायता से विपा गया था। )निवामी, सा०३के लगमम पर्त मान थे। (-) बसिष्ठ श्री राम को सपाइ-सेवकराम पता DO