पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२०३

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[ १७० ] १८-६ लि. का० सं० २८६०, वि० नायक शेख नधी--म्यान मऊ, थाना टोमपुर, जिला जाम. तथा नायिका भेद वर्णन । दे० (7-8 सी) पुर निवासी, म० १६७. लगभग वर्तमान शृंगार मंजरी-राजा प्रतापसिंह शत; नि० का० यादशाह जहाँगीर (मग्दीम) के समकालीन । सं०१८५० वि० भर्तृहरि कृत श्रृंगार शतक शानदार दे० (ग-११२. का हिंदी अनुवाद । दे० (छ-२०५५) शेख चुरहान-चिनी वंश के फकीर; मलिक मुंगाररस मंडन-विट्टलेश्वर (विलनाथ गो. मुहम्मद जायसी और कुनधन शेख के गुमा' स्वामी)फत; वि० राधाकृष्ण के बिहार का वर्णन । हुसेन शाह सूर के समकालीन सं०१.०० के दे०(ज-३२) लगभग धर्तमान थे। दे० (क-२) (क-पट) शृंगार शिक्षा-द कवि कृत; नि० का० सं० | शेख मुहम्मद-प्रसिद्ध तानसेन के शिक्षक: सं० १७४८ वि० नायिका भेद और सोलह श्रृंगारों १६२० के लगभग पर्नमान; जानि के शेख का वर्णन । दे० (ग-४२) मुसलमान बादशाद अकबर के समकालीन श्रृंगार शिरोमणि-प्रतापसाहि कृत, नि० का० थे। दे० (स-३०) सं० १८६४, लि० का० सं० १८६४; वि० नायिका शेख सुलेमान-इनके विषय में कुछ भी ज्ञात भेद वर्णन । दे० (८-६१ डी) नहीं। शृंगार शिरोमणि-राजा जसवंतसिंह कृत, लि. पानि नामा दे० (ज-२८६) का० सं० १६४३; वि० शृगार रस का वर्णन । शेख हुसेन-उसमान कयि के पिता, सं० १६७० के 7 दे० (ज-१३६) पूर्व वर्तमान; गाजीपुर निवासी; बादशाह शृंगार संग्रह-सरदार कृत; नि०का० सं० १६०५, जहाँगीर के समकालीन थे। दे० (-३२) लि० का० सं० १६३२; वि० भिन्न भिन्न कवियों शेरखाँ–उप० शेर शाह सूर, हुमेन शाह के पुत्र; की शृगारिक कविताओं का संग्रह । दे० दिल्ली के बादशाद, सं० १६०२ के लगभग घर्त- (ज-२८३५) मान, दौलतखाँ के पिता; मलिक मुहम्मद शृङ्गार सत (लीला)-ध्रुवदास कृत, वि० राबा जायसी और तानसेन के आश्रयदाता थे । कृष्ण के श्रृंगार और सौदर्य का वर्णन। दे० दे० (ख-१२) (क-2) (क-५४) (ब-१५६६ ) (फ-6 ) (ज-७३ एस ) शेरसिंह-जोधपुर नरेश महाराज विजयसिंह भृङ्गार सागर-मोहनलाल कृत, नि० का० सं० के पुत्र, सं० १८४६ के लगभग वर्तमान, सं० १६१६लि० का० सं० १६४०, वि. नायिका १८५० में राजा विजयसिंह का देहांत होने पर भेद तथा अलंकार वर्णन । दे० (च-७०) उनके पोते महाराज भीमसिंह ने इनका शृङ्गार मुख-रूप सनातन कृता वि० वृहत् वध किया था। गौतमी तंत्र के प्राधार पर रासलीला का रामकृष्ण नस दे० (ग-१६) वर्णन । दे०(छ-२२३) श्यामराम-दे० "स्यामराम। दे० (ग-८०)