पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२१८

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1 [ 1] गारा के राजा गुमानमिदा माथिका सुगम मानति:- रसमला स. १८.* i महरालीमा लगमग परामान, राम्या०स०१00-1601 परमार २० (-110) भरतपुर-नरथ पुष रितासिका- सरकार का निकास. पुत्र म. 10 में मुगलोर युर में मारे पिक रसिक प्रिपा पर रीना दे० गप्पामक धात्मक पुत्र अवादरसिंहपदी पर पैठ सदा कधि और शिनाप मिम सम्म संबाद-समवास, मिका 0 मामयदाता पा(r-E) (-२) PEED मरो का लि० का० स० १०६ वि• मनानसिा--मोहना (एलए) मगर राणा एमा भौर शुध्दप मुनि का सपार। १० पदाखिएक पुष, १० 1 जगमग (M-२२४) (ग-१५) परामानमेघपर प्रधान भी नए मुम्बसम्वी- पक्षी समान पान घ; मायामा पराम्प काम.sto-t७२६॥ दमक विषय में घोर पुष भी मात महौं । दे. (म-११२) (1-3) (1-3) धारा ३० (-३०४) घदर्शन- गिरिपर के पुत्र मारपुर निवासी मानित.(-1) मालिकेकायम मोबास्मयस०१२ इस सागर सरग-पकमि (परत)Me सगमग वर्तमामा मोडमा (देबार) मरेग TERRIERToगार म और मायिषा महाराज पुमानसिंहकमाभिन थ। भेरका सनद. (ज-६४) किरा.(-11२) (--) एग निदान-गिण fift tarfi का सक्षामा परिन--कपि गर्ग नरामर १.पि.चा निधान । १०(1-101) परिब सपना-(-१) पुमान रिमोद-याच ( कपि) सिदामा-परिष—प्रारजमाए em, लि . स. प.०१५ लिपि. VE दूसरी तिमलि0 स. १८६ गार गम भोर मापकाना (-10) R.सुरामा-परित पान १० (ए-41) सुनान परिप्र-गदन प पता लि. ना. म. सुगमा-धि-वराम पीर रुप ति. १t पि० मतपुरजाणामनगमुगल 1. म. पि. सुदामापरित्र का मरद दुमी माहिम युद करना कम |०(9-111) पाहा.(-1) सुवामा चरिध-10 मनात नि• • गुमान रितामणिमा मिभ्रमनि 13.t, मिकामा पत्रिका परीन। . E.OR.१.वि.मिदा मा कोमी का पEमय अनुगर । - मुद्रामा-परिश्र–मामि र पि. राहामा नधिसभाम:0(0-3) r