पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/४२

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मलकार दर्पण- मन-स. १८0 के लगमग वतमाम, माघर | भलंकार दर्पण-हरिदास र नि० वा० स० राज्य बालियर के राजा मापी सरकपरबार REE लि.का.स.पि.मलकार । में थे। दे०(१-१९सी) परिसार २०(१.५) -रतम कषिरता मिस मर्नुन-पOReal १२)लि.का.स. 180 पि० प्रकार। मन रेरित २० (-) दे०(प-२०३) अर्जुन के अधिष-न (खलित ) विमलकार दीप-शभूनाथ मिम हत: लिक का० महाभारत गोदामों का पराम पक्षण । सं०11: लि का.18 पिक अलकार। दे० (-५७) (१-२३३) अर्जुनसिंध-लमानसिंह मपान क मापदावा चलकार निधि-जुगल किशोरी महानिक पे.२०१५-१६) का.स.101: शिमलकार।२०-२४२) अर्जुनसिं-नारस निवासी, किसी नारायण अलंकार माला-पुरतसिंह कता मि. स. केशिया १७६६ लिक का० स०१॥ हसरी मति सि० कृप्य रहस्य २० (ज-१०) कास.१६)यिकप्रसार २०प-109) भर्वाद रिलास-पडा देवीसिह कृतालिका मलंकार मुकारली-महाराह पीरसिंहापालिक मवि० धक ध1३० (ए-२८) का० सं० १६० पिकमलबार । २०(ब-१५) भलंकार-याल कपि ला पि० प्रसंगारयह अलफार रमाकर-सपतिपय स्थानिक का० र०की निज इल सिखित लिपि मेमोरिस सार िमलकार 01-1३) किया गपातर-(ब-१२) मखंत माला-शकर दयानमा यि मल अलंकार माय-उत्तमपट्ट भहारी बना दि. कार.(ब-२८०) मालदार, यमक, पनि भादि । () मलखमानी-मतूपास ना पि० प्रशान मलकार चंद्रोदय-रसिक सुमति त नि 10 पर्पन । ३० (-188) संलिस पिस मलानदीन (सिलमी)-लिसी परा का सम परवल ०3-२५) स प्रसिर सम्राट इसने मितौर के राजा , मबार रितामणि-प्रतापसिंह स्तनिका. रखसम से पद्मापती रामी र हि पुर स•१सं.१ र कषि किया जिसमें गारा, पाइलामर पीरों पोरस लिजिया विनर (-zrt) हा पराकम रियसापा भिंत मेंगारग्रसेन असंगारपण-परिमाय त निका० स० मारा गया मोर उसकी शनियाँ पट्टमायती wि.HOREदि संचार। तथा मागमती रातीदा गई भोर मलाउदीन पारपसारोमात मर सका।-(-५५) २