पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/७९

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[ ४६ ] छंद रत्नावली-हरिराम कृत, लि० का० सं० के पितृन्य । दे० (च-१०) (छ-४३ वी) १९५१, वि० पिंगल । दे० (छ-२५७) (छ-२२) (घ-७२) (छ-८५) छंद-विचार-सुखदेव मिश्र कृत; नि० का० सं० राजविनोद दे० (छ-२२५) १७३३, लि० का० सं० १६१ वि०पिंगल गीतों का सग्रह दे० (छ-२२ वी) वर्णन । दे० (ज-३०७५ ) (छ--२४० थी) छत्रशाल मिश्र-चंदेरी निवासी गंगाराम के छंद-सार-नारायणदास कृत, नि० का० सं० पुत्र, चैदेरी के राजा दुर्जनसिंह के सेनापति १८२६, लि० का० स० १८६, वि०पिंगल थे; दर से इन्हें कुँवर की उपाधि मिली वर्णन । दे० (छ-) थी; सं०१८४४ के लगभग वर्तमान । श्रौषधिसार दे०(छ-२१ ए) छंदाटवी-गुमान द्विज कृत, वि० पिंगल । दे० (छ-४४ थी) शकुन परीश दे० (छ-२१ बी) स्वप्न परीक्षा दे० (छ-२१ सी) छंदार्णव-भिखारीदास कृत, नि० का० सं० - १७६६, वि० पिंगल वर्णन । दे० (घ-३१) छत्रसाल-सं० १८३३ के लगभग वर्तमान; मोघ (झॉसी) निवासी; हित हरिवंश के अनु छंदावली रामायण-गोस्वामी तुलसीदास कृत, यायी थे। वि० विविध छंदों में रामायण। दे० (घ-८२) प्रेम प्रकाश दे० (छ-२०) छंदोनिधि पिंगल-मनराख्खनदास कृत, नि० छत्रसिंह-सं० १७५७ के लगभग वर्तमान, भटे का० सं० १६१; लि० का० सं० १६५३, वि० (भदावर,ग्वालियर) निवासी, जाति के भी काव्य रीति वर्णन । दे० (ज-१८७) वास्तव कायस्थ, अमरावती के राजा कल्यार छत्रधारी-रामजीवन के पुत्र, सं० १६१४ के लग सिंह के आश्रित । ० भग वर्तमान, इन्होंने रामायण के प्रथम तीन विजय मुक्तावली दे० (छ-२३) (ज-४% 'कांडों का अनुवाद किया है। छत्रसिंह नरवर ( राज्य ग्वालियर) के जागीर पाल्मीकीय रामायण दे० (ङ-६८) दार रामसिंह के पिता थे । दे० (छ-२१७ छत्र-प्रकाश-गोरेलाल पुरोहित कृत, नि० का० छत्रसिंह-जोधपुर नरेश महाराज मानसिंह सं० १७७२, लि० का० सं० १८८६, वि० पन्ना पुत्र, सं० १८७३ के लगभग वर्तमान मृत्यु का • नरेश महाराज छत्रशाल का वर्णन । दे० (छ सं० १८७६, जोशी शम्भूदत्त पोकरण ब्राह्मर ४३ वी ) सं० में भूल है। इनके शिक्षक थे । दे० (ग-३६) छत्रशाल -पन्नानरेश, जन्म का० सं० १७०६, | छद्म-चौपनी-व्रजजीवन दास कृत, वि० श्री- मृत्यु का० सं० १७८८, कवि केशवराज, हरि कृष्ण के छुनवेश का वर्णन । दे० (ज-३४६) केश द्विज और गोरेलाल पुरोहित के आश्रय- छप्पै कवीर के—कबीरदास कृत, वि० संतों का ' राता; राजा विक्रम साहि के पूर्वज; पंचमसिंह वर्णन तथा ज्ञानोपदेश । दे० (ज-१४३ एम) .