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पृष्ठ:हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1.djvu/१३६

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(२५) साहित्याचार्य पंडित अम्बिकादत्त व्यास । 11230 DIAS . डित अम्बिकादत्त के पूर्वज राजपुताने के रहने वाले थे । परंतु इनके पितामह पंडित राजाराम जो काश में आ बसे थे। राजाराम जी के दो पुत्र हुए। दुर्गा दत्त जी और देवीदत्त जी। दुर्गादत्त जी प्रसिक el कवि हो गए हैं। हमारे व्यास जी इन्हीं दुर्गादत्त के ज्येष्ठ पुत्र थे। व्यास जी का जन्म संवत् १९१५ चैत्र शुक्लाऽटमी को हुआ था पाँच वर्ष की अवस्था होने पर इन्हें विद्याध्ययन प्रारम्भ कराया गया और उसी खेल कूद में शब्दरूपावली और अमरकोप का अभ्यास कराया जाने लगा। घर का स्त्रियाँ सब पढ़ी लिस्त्री थी इसलिये इनको शिक्षा उत्तम रीति से होने लगी। पाठ नौ वर्ष की अवस्था होने पर इन्हें शतरंज और सितार का चस्का लगा पार उसी समय कविता का भी व्यसन प्रारम्भ हुमा । वर्ष की अयस्था होने पर व्यास जी का यज्ञोपवीत दुपा पौर उसो समय से माप गोस्वामी श्रीकृष्ण चैतन्य देव जी के यहां मापा-काव्य पढ़ने लगे। उस समय गोस्वामी जी एक प्रसिद कवि थे और उनके यहां अच्छे अच्छ कयि एकत्रित हुमा करते थे। ऐसा सत्संग पा कर कुशाग्रबुद्धि व्यास जी यहुत ही शीघ्र काय कुशल हो गए । इन्हें पफ वर्ष में ही कविता के समस्त प्रस्तारों का पर धान हो गया पार ये भरी सभा में समस्यापूर्ति करने लगे। धीरे धीरे व्यास जो का याब हरिषचंद्र जी से परिचय हो गया और ये उनके यहां माने जाने लगे और इनकी कथिता भी काय -