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पृष्ठ:हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1.djvu/२२०

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( १२२ ) इन दोनों मारा ने हिशे प्रायः मनी मिरमिर मागिर पनि ननिमे हैइनमें में कां ना शिर मागीलन के कारस दुरामारी काम में जो ममय बनाई उसे सोग साहित्य मेवाही में लगाते हैं। परत इयानविहारी मिने अंगरेजी में भी मार लिया है। काशीनागना- रियो सभा के पानी माई पुराने ममासा है और उसके भयो में सरा माद से सहायता करते हैं। जय इस समा कोप- कारियो ममा में प्रांतिक प्रतिनिधियों का गुनाय होने लगा है पंडित श्यामयिदारी मि तभी से संयुक्त प्रति को मोर से उसके सभासद है और उसकायों में करने में सदा दवित रहते । (