(२१) सन् १८८८-१० में मापने "उपासा दसरानो" नामक जैन- धर्मावलम्बी गृहस्सों के उपासना-ग्रंथ को प्रकाशित किया जिससे जैनियों में प्रापका नाम हो गया। इसी अवसर में पूर्वीय तुर्कि- स्तान से प्राप्त हुई "वायर को पोथी" नामक एक हस्तलिखित पुस्तक का जो कि सन् ४५०० के पास पास की लिनी हुई थी पाएने समादन किया। सन् १८५८० में गवर्नमेंट आफ इंडिया ने हनली साहय को मध्य पशिया से प्राप्त संस्थत ग्रंथों को जांच परनियत किया। इस कार्य को भी आपने पड़ो योग्यता से समादित किया । सन् १८७९ १० में एशियाटिक सोसायटी ने पापको भाषा-तस्य-संबंधी मंत्री- सुना। इस पद पर मारने १२ वर्ष तक कार्य किया। लिया जा चुका है कि दमारे चरित्र नायक सन् ७८ में केधे- हिल मिशन कालेज के प्रध्यापक नियत हुए थे। तीन वर्ष बाद पाप कलकत्ता मदरसा कालेज के प्रत्यक्ष पीरमसिडेंसी कालेज के अध्यापक नियत हुए। उसी अयस्था में सरकार सत्य सम्बंधी जांच की रिपोर्ट लिखने का काम पाएको सौंपा गया। उसके पूरा होने पर सन् ९७० में स्वर्गीय महागलो विशोरिया ने पापको सी. पाई...को पदपी प्रदान की। सागर नली सन् १९ में चिरकाल लिप रंगले चले गए । परन्तु उनको गुकीर्ति पपलों यहां सिर है। मोर से पुरा - -
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