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जो ने माt afrikनारसन्न
भनामेमोरनार
पोगा पोरीगड. ART, मिरज
पादिम्गाने में होने TT शिलांग में पाए। पडोदने
मात्र मागेलो,
मंजगप्राय:
मनमामा पार पाना raiseररि
भाREE मा नो में जर गोरक्षा
पार पनी हो तो पाने मान से दमदार
इस्मासररपार ।
भासाम में मार कर जमे मा को जी में पार
फिर फदा नदी गए । यत पवार बानोर की यारा
काशी में रहकर भारतजीयन का समादन और उतनाउन !
लिय कर हिंदी साहित्य की सेवा करते रहे। मापने का
लिगों जिनमें से कुछ तो यंगला अनुपाद है। प्रार
तक काशी नागरीप्रचारिणी सभा उपसभापति भी रहे थे
उसको उन्नति में सदा दचित्त रहते थे। प्रापचा देहांत ।
९डूलाई सन् १९०४ को काशी में हुपा ।