पृष्ठ:हिंदी निबंधमाला भाग 1.djvu/९८

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बीथिन में ब्रज में नबेलिन में बेलिन में,

बनन में बागन में बगसो बसंत है॥

यह वसंत-वर्णन अद्वितीय है। अपने प्राचीन कवियों के सृष्टि चमत्कारों के वर्णन जहाँ तहाँ ऋतु-वर्णन के रूप में देखने से उनकी प्रकृति के सूक्ष्म अवलोकन की शक्ति का परिचय मिलता है।

फूलों को कवि प्रथम स्थान देते हैं। सचमुच वनश्री का दृश्य कल्पना के सम्मुख पाते ही प्रथम फूलों का दर्शन होता है। ऐसा जान पड़ता है कि पुष्पों को प्रकृति देवी ने मनुष्य जाति के ही सुख के लिये बनाया है। बालक फूलों पर बहुत प्रीति करते हैं। सुंदर और शांतिमय आनंद देनेवाले फूलों पर बागवान, कृषक ऐसे गरीब लोग भी प्रीति करते हैं। ऐश आराम में पड़े हुए विषयी लोग फूल तोड़कर अपने उपभोग में लाते हैं। नागरिकों और ग्रामीणों की फूलों पर एक सी प्रोति होती है।

हर एक ऋतु के फूल अलग अलग होते हैं । फूलों के उद्भव का समय वसंत, ग्रीष्म और शरद् ऋतु हैं, तथापि जंगलों में, पहाड़ों में, वनस्थली में, समुद्र-तीर पर सर्व काल में भाँति भाँति के पुष्प खिलते रहते हैं।

कुसुम-दर्शन से केवल नयनों को ही सुख नहीं होता, उनसे ज्ञान और उपदेश प्राप्त करनेवाले के लिये उपदेश भी मिल सकता है। पुष्पों के मनोहर रंग और विचित्र आकृतियों को