पृष्ठ:हिंदी रस गंगाधर.djvu/१३

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अंत मे श्रीगोवर्द्धनधरण से प्रार्थना करते हैं कि वे इस अनुवाद को साहित्यानुरागियों का प्रेमपात्र और चिरायु करें। इति शम्।

 
वैशाख कृष्ण ८ शुक्रवार पुरुषोत्तम शर्म्मा चतुर्वेदी
सं० १९८४ जयपुर