१५४ उखाड़ना-उगाही उखाड़ना (हिं० क्रि०) १ निर्मूल करना, उपाड़ना। | उगलना (हिं० क्रि०) १ उदगिलन करना, मेदेसे २विभिन्न करना, तोड़ना। ३ निकालना । ४ स्थान- बाहर निकालना, थक देना। २ निराकरण करना, चुनत करना, हटाना। ५ अलग करना। ६ असन्तुष्ट निकालना, फेंकना। ३ प्रत्यर्पण करना, वापस देना, फेरना। ईर्ष्या प्रकाश करनेको जहर उगलना कहते हैं। करना, विष बोना। ७ परिष्कार करना, हांक देना।। ८ उलटाना। १० भगाना, बिखेरना। उगलवाना, उगलाना देखो। उगलाना (हिं.कि.) १उगिलन कराना, मेदे करनेवाला, जो उखाड़ उखाड़ (हिं.क्रि.) डालता हो। या मुंहसे बाहर निकलवाना। ३ प्रत्यर्पण कराना, उखारना, उखाडना देखो। वापस दिलाना। उखारी (हिं० स्त्री०) इक्षुक्षेत्र, जखका खेत।। उगवाना (हिं. क्रि०) उगाना, पैदा कराना, पलाना- उखाल (हिं. पु०) वमिक्रिया, के करनेका काम । पोषाना। विशूचिका अथवा वमिक्रियाको उखाल-पुखाल उगसाना, उकसाना देखो। कहते हैं। उगसारना (हिं. क्रि०) वर्णन करना, कहना, उखालिया (हिं० पु०) उषःकालका खाद्य, माश्ता, सुनाना। सवेरेका खाना। उगहना, उगाहना देखो। उखुली ( सं० स्त्री०) देवीविशेष, किसी देवताका | उगाना (हिं. क्रि०) १ उपजाना, पैदा करना, नाम। निकालना। २ उठामा, देखाना । ३ प्रहारार्थ किसी उखेड़, उखाड़ देखो। ट्रव्यको तानना, उवाना। उखेड़ना, उखाड़ना देखो। उगार (हिं० पु० ) १ निष्ठीवन, थूक । २ जल, पानी । उखेरना, उखाड़ना देखो। जो जल क्रमशः निचुड़कर एकत्र होता, वही उगार उखेलना (हिं०. क्रि०) उल्लेखन करना, तखोर कहाता है। निचुड़ा हुआ रङ्ग। ४ कूपसे जल उतारना। निकाले जानेका काम। जब कूपमें जल कम हो, उख्य (वै• त्रि०) उखायां संस्कृतम्, उखा-यत्। तब उसे बढ़ानेके लिये उगार किया जाता है। स्थालोपक्क, देगमें पका हुआ। यह शब्द मांसादिका | उगाल (हिं..पु.) १ उद्गार, खरवार । २ जीण विशेषण है। “उख्यान् इस्तेषु विधतः ।" (अथर्व ४।१४।२) वस्त्र, पुराना कपड़ा। यह ठगोंको बोलो है। उगजोवा (हिं. पु.) एक किस्मकी रंगाई। उगालदान् (हिं० पु०) निष्ठीवनपात्र, पोकदान, उंगटना (हिं• क्रि०) १ उद्घाटन करना, कह थूकनेका बरतन। . देना। २ उपहास करना, हंसी उड़ाना । उगाला (हिं० पु०) १ कोटविशेष, एक कोड़ा। उगण (वै० पु.) प्रशस्त दलयुक्त, जिसमें बहुत यह खड़ी फसलको मारता है। (स्त्री०) २ भाद्र सिपाही रहें। भूमि, तर जमीन्। उगदना (हिं० कि.) बताना, बोलमा, कहना। उगाहना (हिं. क्रि०) उद्ग्रहण करना, वसूल करना। यह क्रिया दलाली वोलीमें चलती है। उगाही (हिं. क्रि०) १ उद्ग्रहण, वसूल, पवाई। उगना (हिं० कि.) उद्गमन करना, निकलना, २ उग्टहीत धन, वसूल किया हुआ रुपया । ३ भूमि- देख पड़ना। कर, ज़मौन्का लगान। ४ एक प्रकारका आदान- "प्राची दिशिश उमेत रहावा। . प्रदान, किसी किस्मका लेन-देन। इसमें महाजनको सिय-सख सरिम निरवि सुख पावा " ( तुलसी) समय-समय पर अपना दिया हुआ रुपया वसूल उगमन (हिं. पु०) पूर्व, मशरक। करना पड़ता है।.. .... ..
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