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पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/१६२

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मैला। उच्चयापचय-उच्चारित १६१ कपड़े की गांठ, इजारबन्द। ३ रचना, बनावट । । उच्चाटनीय (सं० वि०) उत्पाटनयोग्य, उखाड़ “वाक्यं स्थायोग्यताकाझासत्तियुत्ताः पदोश्यः ' ४ संयोजना, मिलाव । ५ समूह, ढेर। त्रिकोणका उच्चाटित (सं.वि.) उत्पाटित, उखाड़ा हुआ, सम्मु खस्थ पाखं, मुसल्लसके सामनेका वाज । जो निकाला गया हो! उच्चयापचय (सं० पु०) वृद्धि और ह्रास, घटती उच्चाबन (बै० त्रि.) उपरि तलयुक्त, जिसके पेंदा बढ़ती, चढ़ा उतरी। ऊपर रहे। उच्चरण (सं० लो०) १ ऊपर या बाहर जानका उच्चार (सं० पु.) १ विष्ठा, बराज, मैला। स्म तिमें काम। २ कथन, तलफ फज। यह कण्ठ, ताल, मूर्धा, | लिखा है, उच्चार, मैथुन, प्रस्राव, दन्तधावन, सान दन्त, ओष्ठ और नासिकादिके प्रयत्नसे होता है। और भोजन छः कार्य करते समय बोलना न उच्चरना (हिं० क्रि०) उच्चरण करना, मुंहसे निकाल- चाहिये। ना, बोलना। "उच्चार मैथुने चैव प्रसावे दन्तधावने । उच्चरित (सं• त्रि०) उत्-चट्कर्मणि त । १ कीर्तित, खाने भोजनकाले च षट्स मौन' समाचरेत् ।" (स्म ति) कहा या निकाला हुआ। २ उस्थित, उठा या २ त्याग, बरखास्तगी।३ उच्चारण, कथन, तलफ फुज। निकला हुआ। (लो०) ३ विष्ठा, मलमूत्र, बराज, उच्चारक (सं० त्रि०) उच्चार स्वार्थे कन्।' उच्चारण- कारो, तलफ फुज, करनेवाला, जो उच्चारण करता हो। उच्चल ( स० क्लो०) उत्-चल-अच् । मन, दिल। उच्चारण (सं० लो०) उत्-चर्-णिच्-ल्युट्। कथन, उच्चलन (सं० क्लो०) गमन, रवानगी, सरक जा शब्दप्रयोग, तलफफुज, बोलनेका काम। २ स्फुटन- नेका काम। कार्य, मुमकिन्-उल्-समा बनानेका काम, जिससे उच्चललाटा (स० स्त्री) उच्चललाटविशिष्ट स्त्री, समझमें आ जाये। ऊंचे मत्स्य को औरत। उच्चारण (सं० पु०) शब्दव्य त्पन्न, जबानदान, जो उच्चललाटिका, उच्चललाटा देखो। . तलफ फज़ करने में होशियार हो। उच्चलित (सं० त्रि.) ऊपर या बाहर पहुंचा हुआ, | उच्चारणस्थान (सं० ली.) गलांशविशेष, गलेका एक जो फटकारा गया हो। हिस्सा। इसोसे शब्द निकलता है। कण्ठ, तालु, उच्चा (वै० अव्य.) उपरि, ऊपर, ऊंचे। मूर्धा, दन्त, ओष्ठ, नासिका, जिह्वामूल और उपध्या उच्चाचक्र (वै० वि०) उपरि चक्र युक्त, जिसके उपर आठ उच्चारणके स्थान होते हैं। घेरा रहे। यह शब्द कूपका विशेषण है। उच्चारणार्थ (सं० त्रि.) १ उच्चारणके लिये उच्चयोगी, उच्चाट, उच्चाटन देखो। सला फुजमें लगनेवाला, जो बोलने के लिये मुफीद उच्चाटन ((सं० लो०) उत्-चट-णिच्-ल्युट । १ उत्पा हो। २ उच्चारण के लिये आवश्यक, तलफफज करने में टन, स्थापित वा संयोजित वस्तुका पृथक् करण,उखाड़, जिसको जरूरत पड़े। कभी-कभी अतिरिक्त अक्षर नोच-खसोट। २ चञ्चल करण, डावांडोल बनानेका | लगा लेनेसे उच्चारणमें सरलता पा जाती है। काम । ३ षट्कर्मान्तर्गत अभिचार विशेष, एक जादू । उच्चारणीय (सं० त्रि०) उच्चारण किया जानेवाला. इस कार्यको देवता दुर्गा और तिथि कृष्णाष्टमी वा| जो तलफ फुज किये जाने काबिल हो। चतुर्दशी है। शनिवारको साधुके बालोंमें पिरोयो हुई | उच्चारना (हिं० क्रि०) उच्चारण करना, तलफ फुज प्रोटेके टांतोंकी मालासे जप करते हैं। (शारदातिलक)| निकालना, बोलना। इन्द्रजाल देखो। ४ उत्कण्ठा, फिक्र । ५ विवाद, झगड़ा। उच्चारित (सं० वि०) उच्चार-इतच। तदस्य सञ्चात उत्खातन, अफमुर्दा बनानेका काम। । तारकादिभ्य इतच् । पा ५।२।२६ । १ उथित शब्दायित,तला फुज Vol III. 41