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पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/१८

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इज्ज़त बनाना-इटली


इज्ज़त बनाना (हिं क्रि०) प्रतिष्ठा प्राप्त करना, आबरू बढ़ाने की कोशिश में लगना।
इज्ज़त बिगाड़ना (हिं० क्रि०) मान घटाना, आबरू उतारना।
इज्ज़तमें फर्क़ आना, इज्ज़तमें बट्टा लगना देखो।
इज्ज़तमें बट्टा लगना (हिं० क्रि०) मानभङ्ग होना, बेआबरू बनना।
इज्ज़तवाला (हिं०) इज्ज़तदार देखो।
इज्जल (सं० पु०) एति गच्छतीति, इ-क्विप-तुक्च, इत् सन्निकृष्टतया गच्छत् जलमस्य, बहुव्री०। इज्जल-वृक्ष, समुद्रफल। यह शीतल, संग्राही, वातकोपन और विशेषतः विषघ्न होता है। (मदनपाल) इज्जल कुष्ठहृत् और वातकोपन है। (भावप्रकाश )
इज्य (सं० पु०) इज्या याग: विद्यतेऽस्य, इज्या अच्। अशे आदिकोऽच् । पा ५।२।१२७। १ वृहस्पति, देवगुरु। २ पुष्यानक्षत्र। ३ विष्णु। ४ परमेश्वर। ५ शिक्षक। ६ पूजनीय व्यक्ति।
इज्या (सं० स्त्री०) यज भावे क्यप्-टाप्। १ यज्ञ। २ दान। ३ सङ्गम, मिलन। कर्मणि क्यप्। ४ प्रतिमा, तस्वीर। ५ गो, गाय। ६ पूजा, परस्तिश। ७ दूती, दल्लाला, कुटनी।
इज्याशील (सं० पु०) इज्या एव शीलं यस्य, बहुव्री.। अथवा इज्यां शीलयति; इज्या-शील-अच्। पुनःपुनः यागकारी, बार-बार यज्ञ करनेवाला।
इञ्च् (अं० क्ली० = Inch) अङ्गल, तसू, गजका छत्तीसवां या फुटका बारहवां हिस्सा।
इञ्चाक (सं० पु०) इञ्चा दीर्घा अस्ति यस्य। जल वृश्चिक, झींगा मछली।
इञ्चुक, इञ्चाक देखो।
इज्जन (अं० क्ली०= Engine) १ यन्त्र, भाला, कल। २ उपकरण, औज़ार, हथियार। ३ साधन, वसीला।
इन्जीनियर (अं० पु०-स्त्री०= Engineer ) १ यन्त्रकार, कलसाज़, गढ़ कपतान। २ यन्त्रकलाभिज्ञ, कल चलानेवाला। ३ वास्तुविद्याविशारद, माहिर-फ़न मेमारी; सड़क, मकान और पुल बनवानेवाला अफसर।
Vol III. 5 :


इञ्जीनियरिङ्ग (अं० ल्की० = Engineering) १ यन्त्रकारका व्यापार, कलसाज़ीका हुनर। २ वास्तुविद्या, इल्ममेमारी।
इज्जील (यू० स्त्री०) १ सुसमाचार, खुशख़बरी। २ धर्मग्रन्थ, ईसाके दीन और हालकी किताब।
इट् (सं० स्त्री०) इष-क्विप्। इच्छा, मर्ज़ी तबीयत।
इट (वै० पु०) १ वेत्र वा तृण, बेंत या घास की चटायी।
इटचर, इट्चर देखो।
इटत (सं० पु०) ऋग्वेदीय सूक्तप्रकाशक भार्गव।
इटली (इटाली= Italy) युरोप महादेश के दक्षिणांशस्थित एक प्रायद्वीप। इटलीसे उत्तर अष्ट्रीया तथा स्विटजरलेण्ड, पश्चिम फ्रान्स एवं भूमध्यसागर, दक्षिण भूमध्यसागर और पूर्व योनियान एवं आद्रियातिक समुद्र पड़ता है। इसमें अंशश: द्वीप और मध्यभूमि सम्मिलित है। इटली अक्षा० ३६° ३८ से ४६° ४० उ० और ट्राधि० ६° ३० से १८° ३० पू० के मध्य अवस्थित है। अधिक से अधिक देय ७०८ और आयाम ३१० मील लगता है। किन्तु केन्द्र में यह १५० मील ही विस्तृत है। सागरतटकी रेखा २००० मील दीर्घ समझी जाती है। पश्चिम में गाएता, जिनोआ, नेपल्स, सालेर्नो एवं पोलिकास्त्रो, दक्षिण-पूर्व में स्कुइल्लेस तथा तारान्तो और आद्रियातिक में मानफ्रदोनिया, वेनिस, तथा त्रीस्त प्रधान उपसागर है। मेस्सिना वा बोनिफेसिओ और फारो खाड़ी विद्यमान है। काम्पानेला, नारा प्रधान अन्तरीप है। सिसिली तथा लिपारि, इसचिया, एलबा और सारदिनिया प्रधान द्वीप है। भूमितल सर्वत्र एकप्रकार देख नहीं पड़ता। उत्तर में लोम्बार्डी का समतल क्षेत्र शस्यप्रद है। दक्षिण में वेनिस, काम्पो-फेलिस और वासिलिकाता समस्थली विस्तृत है। रोम एवं समुद्र के बीच पोण्टाइन झील और त्रीस्त तथा वेनिस-खाड़ी के मध्यकी समभूमिमें दलदल पड़ता है। आल्पस एवं अपेनाइन पर्वतकी शोभा देखते ही बन पाती है। नेपल्सके निकट वेसूवियस आग्नेयगिरि भड़का करता है। उत्तरमें जलवायु साधारणतः