९८२ - उठती कोपल-उठवैया उठती कोपल (हिं. स्त्री०) १ नवीन पल्लव, नई ! २८ पाठ किया जाना, पढ़ने में आना। ३. छेदन शाख, हाली किला। २ यौवनावस्था, शबाब, जोबन। किया जाना, कटना। ३१ घर्षण किया जाना, रगड़ उठती जवानी (हिं॰ स्त्री०) नव यौवन, जवानीका | खाना। ३२ आचूषण किया जाना, जज्ब होना, पागाज, छाती भर पानेको हालत। सूखना। ३३ निरूपित मूल्यपर दिया जाना, किराये उठती पैंठ (हिं. स्त्री०) परिणतिशील. हट्ट, गिरता चलना। ३४ प्राप्त होना, हाथ लगना। ३५ शिक्षित बाज़ार। “उठती बैंठ आठदै' दिन।" (लोकोक्ति) होना, सिखाया जाना। ३६ आरोग्य होना, आराम उठती शहबत (हिं० स्त्री०) उन्नतिशील इन्द्रिया पाना। ३७ पाक किया जाना, पकना, मजे.पर सक्ति, चढ़ती मस्ती। पाना। ३८ प्रस्तुत होना, कमर कसना। ३८ प्रद- उठते-बैठते (हिं.क्रि.वि.) १ क्रम क्रम, थोड़ा शित किया जाना, नमूदार होना। ४. संचोभमें थोड़ा, कुछ-कुछ, जब-तब, सोते-जागते। २ अबेरे प्राना, हिलना। ४१ स्थित न रहना, उखड़ना, लम्बे सबेरे, जैसे-तैसे, चल-फिर में। ३ झाटपट, आनन पड़ना। ४२ स्थापित होना, जारी किया जाना, फानन, बात चीतमें। ४ सदा सर्वदा, बार बार। खुलना। ४३.ऋण किया जाना, कज होना। उठना (हिं० क्रि०) १ प्रारम्भ होना, वजद पक- ४४ पूर्ण होना, ठोक बैठना। ४५ सय होना, सहा इना, निकलना। २ प्रस्थान करना, रवाना होना, जाना। ४६ समाप्त होना, खातिमेपर आना। ४७ नष्ट चल पड़ना। ३ उद्भिव होना, उगना, उपजना, होना, मट्टीमें मिलना। ४८ त्याग करना, छोड़ना । जमना। ४ वर्धित होना, ज्यादा पड़ना, बढ़ना। ५ फल ४८ सिद्ध होना, बहस पहुंचना, मिलना। ५० स्फुरित देना, अनामका पहुंचना, फलना। ६ डिम्बसे निक होना, भड़कना। लना, अण्डेसे खुटके जाना। ७ प्रादुर्भूत होना, एकाएक उठनेको उठ खड़ा होना, बलपूर्वक फ्टना, फट पड़ना। ८ निष्क्रमण करना, उभर उठनेको उठ जाना और धोर-धौर काम करने, पाना। उस्थित होना, बलन्द पड़ना, चढ़ना। मिलने जुलने, साथ रहने, अपनी जगह बार बार १० उपस्थित होना, चले आना, बढ़ना। ११ समु छोड़ने, घबरा जाने तथा 'उगलियोंपर नाचनेको स्थित होना, ऊंचा पड़ना । “उठते लात बैठते सा।" उठना-बैठना कहते हैं। उठ बैठ, उठा बैठो और ( लोकोक्ति ) १२ गमन करना, जाना। १३ जागरण उठक-बैठकका अथै चुपके न बैठना ; बार बार अपनी करना, जागना। १४ दण्डायमान होना, दण्डवत् जगह छोड़नेका, खड़े हो होकर बैठना, बैठको कर- अवस्थान करना, खड़ा होना। १५ उत्कर्ष पाना, नेका, कान पकड़के उठना बैठना तथा घबरा जाना है। उकसना। १६ निर्मित होना, बनना। १७ स्फोत उठल्लू (हिं० वि०) १ निर्धारित स्थान न रखने- होना, तुग़यानीपर पाना, फूल जाना। १८ उष्ण वाला, जो नापायदार और बे एतबार हो। निष्य - पड़ना, गरमाना। "पाया कातिक उठती कुतिया।" ( लोकोक्ति) योजन इतस्ततः भ्रमण करनेवालेको उठल्लूका चूल्हा १८ यौवनावस्थाको प्राप्त होना, जवानोमें आना। या उठन चल्हा कहते हैं। २० उत्सेक लमना, उबलना, जोश आना, सड़ना। उठवाई (हिं. स्त्री०) उठने या उठानेका काम । २१ वहन किया या ढोया जाना। २२ दृष्टिगोचर | उठवाना (हिं.क्रि.) उठानेका काम अन्यसे लेना, होना, नजरमें पाना, देख पड़ना। २३ उड्डयन करना, दूसरेको उठानेको पाना देना। उड़ना। २४ व्यथित होना, लगना। २५ रहित उठवैया (हिं० वि०) १ भार उठाने में साहाय्य करने होना, मन्सू न किया जाना। २६ विस्तृत होना, वाला, जो बोझ लादने में मदद देता हो। २ अमित- फैलना। २७ निर्माण करना, शिकार मारनेको बाहर व्ययो, फ़जूल खर्च, जो बेफायदा रुपया बिगाड़ता हो । पाना । २८ अपित होना, उतरना, खिंचना। पर्यायमें उठाऊ और उठानेवाला शब्द भी पाता है। .
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/१८३
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