. उड़-उड्र उड़, (स'• स्त्री०) उ-डी-डु। नक्षत्र, तारा। “इन्दु- | उड़ेरना, उड़ेलना देखो। . प्रकाशान्तरितोडुतुश्या: ।” (रघु) (को०) २ जल, पानी। उड़ेलना (हि• क्रि०) १ एकसे दूसरे पात्रमें धारा सड़ चक्र (सं० लो०) नक्षत्र मण्डल। बांधके डालना, ढालना, नाना। २ त्याग करना, उडुप (सं० क्लो०) उडुनि जले पाति रक्षति, उडु छोड़ देना। . पा-क। १ लव, बरङ्गा, चौघड़ा । इसके पयार्यवाची प्लव, उडैनी (हिं. स्त्र) खद्योत, किर्म-शब-ताब, पट- कोलि, भेलक, तरण, तारण और सारक आदि शब्द हैं। वोजना, जुगुन । (पु.)२ चन्द्र, चांद। “अपश्यदन' तस्य रश्मिवन्तमिवोडुपम् ।" | उड़ौहां, उडैया देखो। (भारत) ३ चमका पानपान, चमडेसे बना हुपा पौनेका उड्डयन (सं० क्लो०) उत्-डी-ल्य ट्। पाकाश-विहार, बरतन। शून्य गमन, परवाज, उड़ान। उड पति (सं० पु०) उड़नां पतिः। १ चन्द्र, चांद। उड्डामर (सं० त्रि.) १ उद्भट, श्रेष्ठ, बढ़िया, २ समुद्, बहर। ३ वरुण। ४ सोमलतामेद। उमदा, जो ऊंचे दरजे या नतीजेका हो। डामर देखो। उड़पप्रिया (सं० स्त्री०) कमलिनी, बघोला। उड्डामररस (सं० पु.) पित्तके गुल्माधिकारका उड़ पथ (सं० पु०) आकाश, तारोंके चलने की राह. एक रस। शुद्धपारा एक, गन्धक एक एवं मृतताम श्रासमान। चौथाई भाग ले शिरीष तथा नागकेशरका रस मर्दनीय उड़म्बर (सं० ली.) उड़ वृणातीति उडु-व-अच् । द्रव्यसे पञ्चमांथ डाले और दो दिन घोट गजपुटसे १ ताम, तांबा। २ देश विशेष, एक मुलक । पाश्चात्य भूधरयन्त्रमें पकाये। फिर दिनको पोस इस रसको ऐतिहासिकोंने Odambarai नास लिखा है। शीतल करना चाहिये। उडडामर समभागपर जय- पञ्जाबमें यह जनपद था। ३ कर्ष, दो तोलेका पालचूर्ण के साथ मिला और तीन रत्ती घोमें सानकर परिमाण । ४ उदुम्बरका फल, गूलर। (पु.) खाते हो पित्तका गुल्म शान्त पड़ने लगता है। (रसरवाकर) ५ उदुम्बरका वृक्ष, गूलरका पेड। उदुम्बर देखो। ६ कुष्ठ- उड्डीन (सं० ली.) उत्-डी-ता। १ नभोगति, रोगविशेष, किसी किस्मका कोढ़। इसका आभास उड़ान् । (त्रि.) २ अध्वगामी, उडाक। उदुम्बरके फल-जैसा पडता है। (माधव निदान) उड्डीयन (सं० को.) उज्डः स इवाचरति, क्वड, ७ देहली, दहलोज़, ड्योढ़ी। ८ नपुंसक, नामद। उखडोय भावे ल्य ट्। उड्डयन, उड़ान। यह हठयोगका
- कमि विशेष, एक कोड़ा। कहते हैं-यह रक्तमें कार्य है। योगी उड्डीयन-क्रियासे आकाशमें उड़
उत्पन्न होता और कुष्ठरोगका बीज बोता है। जाते हैं। सुषुम्ना नाड़ीमें प्राणको जमाने और उडम्बरदला, उदुम्बरपर्णी देखो। उदरको पृष्ठसे मिलाने पर उड्डीयन बनता है। उडम्बरपर्णी (सं० स्त्रो०) उड़ म्बरस्य पर्णमिव पर्ण- उड्डीयमान (सं० वि०) उत्-डो-शानच् । उड़ता मस्याः, गौरादित्वात् डोष्। दन्तो वृक्ष, दांतो। हुआ, जो उड़ रहा हो। उड़ राज (सं० पु०) चन्द्र, सितारोंका मालिक | उडडोश (सिं० पु.) १ शिव। २ तन्वशास्त्रभेद । चांद। । इसमें गारुड़ पौर अभिचार भरा है। तन्त्र देखो। सड़ लोमा (स'पु०) प्रवर ऋषिभेद। (प्रवराध्याय) उड्ड उड्ड होना (हिं० क्रि०) अपमानित होना, उडुस (हिं० पु०) उदंश, खटमल। बेइज्जत बनना। उड़प, उडुप देखो। उड्डो (हिं. स्त्री०) परिचमणशीलस्त्रो, पावारा औरत। उड़ेडण्ड (हिं० स्त्री० ) व्यायामविशेष, एक कसरत । उड़ (सं० पु.) १ उत्कल देशवासी पुरुष, उड़ीसेका इसमें नीचे छाती झकाते समय दोनों पैर अपरको पादमो। उत्कल देखो। २ जवापुष्पवृक्ष, गुड़हरका उछालते हैं। दूसरा नाम उड़ानको डण्ड है। । पेड़। ३ जवापुष्य, गुड़हरका फूल, चीना गुलाब। .