पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४०८

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उसनाना-ठसुबाना. उसमाना (हिं• क्रि.) १ उबसवाना, गर्म करवाना ।। बोको ब्याही धौं। ३२ सास नारियशके पेड़ उनक- २ मंडवाना, पानी डलाकर गुधवाना। दातने पुरोहितोंको सास्यमें दिये। पुष्कर तोर्धमें उसनोस (हि.) उचोष देखो। जाकर इन्होंने तीन सहस गो और एक ग्राम दाम उसबा (हिं.) उशवा देखो। किया था। थानके पास चौचनमें एषवदातने बाध- उसबुपल्ली-बम्बई प्रान्तके प्राचीन पुण्यराष्ट्र प्रदेशका गोंको कितना होदान दिया था । थानके दहान ग्राममें एक ग्राम। महाराज सिंहबर्माके राज्य पानसे ११ इन्होंने.. सहस कार्षापण वा २ सहस्र सुवर्यबाहा- वत्सर बाद इस ग्रामके अधिवासियोको एक शासन बोको बांटे थे। उषवदात निर्मित पम्बिका, पार, पत्र सुनाया गया था। उक्त महाराज सम्भवतः विष्णु दमनगङ्गा, ताप्ती, कावेरी, दाहानु नदियोंके घाटोंपर गोप वर्मा के बड़े भाई रहे। विष्णुगोप वर्माने ही उक्त यावियोंको उतराई देना पड़ती न थी। नदियोंके संस्कृत शासनपत्र निकाल यह ग्राम विष्णुहार मन्दिर दोनों किनारे विद्याम खान और सोपान भी इन्होंने पर उत्सर्ग किया। वह परमभागवत थे। सेनापति बनवाये। उषवदातने बौद्धोंको भी दान दिया था। विष्णुवर्माने कण्डकूट ग्राममें विष्णुहारका मन्दिर उच्च भारतमें सम्भवतः इन्होंने बौद्ध धर्मका अवलम्बन बनवाया था। किया। उषवदत्तके कितने ही शिलाफलक निकले। उसमा (हिं. पु.) वसमा, उबटन। हैं। यह अपने समयके एक कर्ण रहे। उसमान (१० पु. ) मुहम्मदके एक सखा या साथी। | उससना (हिं.क्रि.) १ उसरना, सरकना । २खास उसरना (हिं.क्रि.) सरकना, अलग होना। ग्रहण करना, सांस निकालना। उसरू-युक्तप्रदेशस्थ राज्यविशेष । | उसांस, उसास देखो। उसरौडी (हिं. स्त्री०) पनि विशेष, एक चिडिया उसाना (हिं. क्रि.) पोरना, फटकारके साथ उसलना, उसरना और उछलना देखो। भूसो अलग करना। इसवदात-बम्बई प्रान्तके एक प्राचीन शक नृपति।। उसारना (हिं. क्रि०). १ विनाश करना, मिटाना। यह अपने खशर नहपानके (१०० ई.) कोंकन २ समापन करना, पूरे उतारना । और दाक्षिणात्यमें प्रतिनिधि रहे। इनके कारल और उसारा (हिं. पु०) पाच्छादित हारप्रकोष्ठ, बरा- नासिकवाले ताम्रफलकोंमें सोमनाथ पत्तन, भडोच, मदा, छत्ता। "नौकरको चाकर चाशर मांडोको उसारा । (लोकोति) सोपारे पौर गोवर्धनके उत्सर्ग की बात लिखी है। उसालना, उसारना देखो। दाहनुकपर इन्होंने एक घाट बनवाया था। सूर्वर उसास (हिं. स्त्री.)१ उच्छास, पाह। २ श्वास, सांस।। कमें उषवदात हारा निर्माण कराये विश्वामालय और उसासना (हिं• क्रि०) १ खास ग्रहण करना, सांस भोजनालय थे। नासिकके १० म, १२श और १४श लेना। २ उच्छास छोड़ना, आह भरना। मिलालिपिमें लिखा है, कि उषवदातका विवाह शह- उसासी (हिं. स्त्रो०) खास ग्रहण करनेका समय, रात पनप नहपानको दवमित्रा नावी कन्याहुपा दम लेमेका वक्त । था। इनके पिताका नाम दिनीक रहा। यह जातिके उसिनना, उसमना देखी । शक थे। संस्कृत ऋषभदत्तका अपभ्रंश उषवदात है। उसोजना (हिं.क्रि.) मन्द-मन्द तप्त हो इन्होंने तीन सहस्र गोदान किये थे। उत्तर गुजरातमें धोरे चुरना। पावखानके निकट बनालमें सोनेका सोपान उषवदासने| उसीला (हिं.) बसौना देखी। दिया। १६ ग्राम ब्राह्मणोंको भेंट चढ़ाये थे। यह उसीसा (हिं. पु.) १ शोष खान, सिरदाना। प्रति वर्ष लाखों ब्राह्मण खिलानेवाले थे। दक्षिण २ उपधान, तकिया। बाठियावाड़के प्रभासक्षेत्रमै इन्होंने पाठ स्त्रियां बाध- उसुवाना. (हिं• क्रि०) सूजना, फलना।