सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४६१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

एकदेह-एकनेमि एक्देह (सं० पु०) एको मुख्यो देहो यस्थ, बहुव्री०।। स्वाति नक्षत्र एकतारामय है। २ अमावस्या । ३ एक १ बुधग्रह, दबीर-फलक! एकः तुल्यो देहो यस्य। नक्षत्र, अकेला सितारा। २ वंश, खान्दान्। ३ दम्पती, स्त्रीपुरुष। (वि.) एकनट (सं० पु०) एको मुख्यो नटः, कर्मधा। ४ एकशरीर, सिर्फ एक जिस्म रखनेवाला। प्रधान नाट्यप्रवर्तक, कथाप्राण, खास खेलाडी। एकद्युः (म० पु०) एकेन परमात्मना दिव्यति, यह प्रस्तावना सुनाता है। दिव-क्किय्-उट ! केवल परमात्मचिन्तक आत्माराम एकनयन (स. त्रि०) एक नयनं यस्य, बहुवी०। नामक एक ऋषि। यह नीधःके पुत्र थे। १काना। (पु.)२ काक, कौवा। ३ कुवेर । एकहार ( स. पु०) गुजरात प्रदशके मधास्थित वट- एकनवत (स. त्रि.) इक्यानवेवा। तीर्थक निकटस्थ एक प्राचीन तीर्थ। (प्रभासख०) एकनवति (सं. स्त्री०) एकेन अधिका नवतिः.. एकधन (सं. लो०) एकमेव धनम्, मधापदलोपो मध्यपदलोपी कर्मधा। इक्यानवे, नौ दहाई और कर्मधारा १एक मात्र धन, अकेलो दौलत। एक एक एकाईको संख्या, ८१। मयुग्म धनं धौरमानमुदकं यत्र, बहुव्री०। २ अयुग्म एकनवतितम, एकनवत देखो। संख्यक कलस, अकेला घडा।३ श्रेष्ठधन, बडी दौलत। एकनाथ (म.प्र.) : पक्षानं नाथ: Air.. (त्रि.) ४ एकमात्र धनशाली, अकेला दौलतमन्द । प्रधान राजा, खास मालिक। (त्रि.) २ एक प्रभु एकधनवित (स. त्रि.) १ एकधन नामक कलस यता, जिसके ए-क ही मालिक रहे। प्राप्त करनेवाला। २ उत्तम वलि पानेवाला। एकनाथ भट्ट (सं० पु.) एक प्रसिद्ध ग्रन्थकार। एकधर्मी (म. लि.) एक स्तुल्यो धर्मोऽस्यास्तीति, दाक्षिणात्यक प्रतिष्ठान (पैठान) नगरमें इनका जन्म- एक-धर्म-इनि। समान धमें विशिष्ट, हम मजहब। हुआ था। इन्होंने अन्वयार्थ प्रकाशिका नानी एक एकधा (स'० अव्य.) एक-धा। संख्यायां विधाथै धा। चण्डीको टोका बनायो है। पा ॥३।४२ । १ एक प्रकार, साथ-साथ । २ साधारणत: एकनायक (सं० पु.) एकः प्रधानं नायकः, कर्मधा। अकेले। ३ एक बार, फौरन्। 'महादेव। एकवर (म. स्त्री०) यानविशेष, एक गाड़ी। एकनायकराज्यतन्त्र (सं. ली.) एक ही राजाके एव धुर ( स० वि०) एका धूर्यस्य, एक-धुर्-अ । मतानुसार निर्वाहित राज्यशासनका कार्य, जो हुका ऋक्यूरब्ध : पथामानक्षे। प्रा ५४१७४1 १ केवल एक प्रकार सलतनतमें एक ही बादशाहके कहने पर चलता हो। भार वा धुरके योग्य, जो सिर्फ एक किस्मके बोझ या| एकनिश्चय (सं. पु.) १साधारण खोवति वा जुर्वके काबिल हो। २ भारविशेषवाही, कोई बोझ फल, मामूली मञ्जूरी या नतीजा। (त्रि०) २ एव ढोनेवाला। हो प्रस्ताव को प्राप्त, जो वही मतलब रखता हो। एकधुरा (सं० स्त्री. ) एका न द्वितीया धः, कर्मधा० । एकनिष्ठ (सं० वि०) एका एकविषयिणी निष्ठ एक भार, वही बोझ। यस्य, बहुव्री.। एकासक्त, एक ही से लगा हुआ एकधुगवह (स० वि०) एक धुरायाः वहः, ६-तत्। एकनीड़ ( स० वि०) १ केवल एक स्थान रखने एक भारवाहक, वही बोझ ढोनेवाला। वाला, जिसके एक ही बैठक रहे। र साधारण एक धुरीण (सं० वि०) एकधुरां वहति यः, एक- गृह रखनेवाला, जो मामूली मकान् रखता हो। ध्रुर-ख। एक सुगल न च । पा ! एक भारवाहक, एकनीत (सं० को०) रथ, गाड़ी। (भागवत २६२). सिर्फ एक बोझ ढोनेवाला। एकनेव, एकदृक् देखो। । एकनक्षत्र (म.ली.) एक नक्षवं यत्र, बहुवो। एकमि (स.वि.) एक मण्डसविशिष्ट, एक १ एक तागविशिष्ट नक्षत। भाद्रा, चित्रा और | दायरा रखनेवाला।