पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४६०

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एकदंडा-एकदेशीय ४५९ यह नाम रखते हैं। उनके मतानुसार एकाको जीवका हमदर्द, जो दूसरेके दुःख में दुःखी पौर मुख में सुखी साथी केवल कर्म है। । रहता हो। एकदंडा (हिं• पु०) कुश्तीका एक पेच। एकदृक् (सं० पु०) एकमभिवं पश्यतीति, एक- एकदंता (हिं. पु.) १ एकदन्त विशिष्ट हस्ति, एक दृश-विप। १ महादेव। २ तत्त्वज्ञानो। ३ ब्रह्म- दांतका हाथो। २ एक दांसवाला। ज्ञानी। ४ काक, कौवा। राम वाणसे कौवेको एक एकदंष्ट्र (सं० पु.) एका दंष्ट्रा यस्य, बहुव्रो• इस्वः। आंख फूट गयी थी। (वि.) ५ काना। एक- गणेश । पक्षाश्रयो, तरफदार। एकदण्डी (सं.पु.) एकः केवलो दण्डोऽस्यास्तीति, एक दृश्य (सं. वि.) अकेला देखने योग्य, जो तनहा एक-दण्ड-इनि। सन्यासविशेष । जब हृदयमें सनातन देखे जानेके काबिल हो। ब्रह्ममात्रका निश्चय जमता, तब सन्यासी एकमात्र दण्ड एक दृष्टि (स. स्त्रो०) एका एकविषयिणी दृष्टिः, पकड़ता है। चतुर्विध सन्यासियों में हंसश्रेणीवालोंके कर्मधा। एकमात्र विषयपर दृष्टि, जो नज़र सिर्फ ही दण्डधारणको व्यवस्था है। सन्यासो देखो। एक ही बातपर लड़ी हो। (पु.) एका दृष्टियस्य, एकदन्त (सं० पु०) गणेश। किसी समय गणेशको बहबी०। २ काक, कौवा। (त्रि०) ३ काना। द्वारपाल बना शिवसे टुर्गा कथोपकथन करती थीं। एकटेव (स.पु.) एकः प्रधानो देवः, कसंधा। उसी समय परशुरामने शिवकै दर्शनको पा गणेशसे हार छोड़नेको कहा। इनके अस्वीकार करनेपर एकदेवत ( स० वि०) एका देवता यस्थ, बहुव्री। दोनों में तुमुल युद्ध होने लगा। परशुरामके कुठारा- एक हो देवताको दिया हुआ, जो एक हो देवताको "घातसे गणेशका एक दन्त टूटा था। उसी समयसे । चढ़ाया गया हो। इनका नाम एकदन्त पड़ गया। (ब्रह्मवैवर्तपुराण) एकदेवत्य (स.वि.) एका श्रेष्ठां देवतामहतीति, एकदरा (हिं. पु.) एक दरवाला, जो दालान एक एकदेवता-यत्। श्रेष्ठ देवतापूजक, जो एक ही देव- हो दरवाज़ा रखता हो। ताको मानता हो। एकदस्तो (फा० स्त्री०) कुश्तीका एक पेच। इसमें एकदेश (स'. पु.) एकश्चासौ देशश्च ति, कर्मधा० । नड़नेवालेका बायां हाथ अपने बायें हाथसे घुमा कर १ एक स्थान, वही जगह। २ अंश, हिस्सा । (वि.) पकड़ते और दाहनेसे खोंच पोछे निकल जाते हैं। ३ एक स्थान का अधिकारी, जी एक ही जगह रखता यह पेच कुश्ती लड़ने में सबसे पहले सिखाया जाता है। हो। (अव्य.) ४ कुछ कुछ। एकदा (सं० अव्य.) एकस्मिन् काले, एक-दा। एकदेशविभावितन्याय (स• पु०) एकदेशः साध्यस्य सर्वकान्धकिं यत्तदः काले दा। पा ५॥३३१५। १ एक ही समयपर, विभावितो येन स चासौ न्यायचे ति, कमंधा। तर्क विशेष, किसी किस्मकी दलील। इसमें प्रमाणादिसे दिनको। ४ एक समय पर। . साध्यका एकदेश अङ्गीकत होता है। एकदिक (सं० स्त्री०) १एक स्थान, वही जगह। एकदेशस्थ (सत्रि .) एक ही प्रान्तपर अवस्थित, २ एकपाच, एक बग़ल। जैन शास्त्र में दिक्सम्बन्धीय | जो उसी जगह पर हो। निर्धारित नियम लांधनका एकदिशा-परिमाणाति- एकदेशी (सं० त्रि.) एकोऽभिन्ना देशो वासस्थान- क्रमण कहते हैं। श्रावकको प्रतिदिन चारो दिशाको लेनास्यास्तीति, इनि। १ एक देशवासी, उसी मुल्क- दूरी ठहरा चलना पड़ता है। उक्त नियम तोड़नेपर का रहनेवाला। २ अंशोंमें विभक्त, जो हिस्सों में यह अतिचार लगता है। बंटा हो। एकदुःखसुग्तु ( स० वि०) सहानुभूति रखनेवाला, एकदेशीय, एकदेशो देखो।