पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४८२

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एक्यानवे एटा ४४१ एक्यानवे (हिं० वि०) १ एकनवति, नब्बे और एजि (स० वि०) एज-इन्। वातरोगग्रस्त, जिसके एक,८१ (पु.) २ एकनवति संख्या, एक्यानवे गठियेकी बीमारी रहे। अदद। एजित (स० वि०) कम्पित, हिलता हुआ, जो एक्यावन (हिं• वि०) १ एकपञ्चाशत्, पचास और डोल गया हो। एक, ५१। (पु.) एकपञ्चाशत् संख्या, पचास और एजितव्य (सं. वि.) कम्पित किया जानेवाला, एक मिलकर बननेवालो अदद। जो हिसाये जानेके काबिल हो ! एक्यासी (हिं० वि०) १ एकाशौति, अस्सी और एजिता. ( सं• वि० ) कम्मित करनेवाला, जो एक, ८१। २ एकाशौति सख्या, अस्मी और एक हिलाता हो। मिलकर बननेवाली अदद। एजेंट (अं० पु०-स्त्री.= Agent) प्रतिहस्त, प्रतिनिधि, एक्सचेंज ( अं. पु०= Exchange :) व्यापारस्थान गुमाश्ता, कारिन्दा-जैसे पोलिटिकल एजेंट, काम- विशेष, सौदागरीको एक जगह। यहां व्यापारी और ल एजेंट। बणिक् आदान-प्रदान तथा क्रय-विक्रयके लिये जुटते हैं। एजेन्सी (अं• स्त्री०= Agency ) १ प्रतिनिधित्व, एक्सपोज़ (अं. पु०= Expose ) १ सम्म ख वा मुनीबी, पाढ़त, पेशकारी।। निकट स्थापन, सामने या पास रखनेका काम। जब एज्य (सं० वि०) पा-यज-क्यप् । सम्यकप यज- किसी वस्तुका प्रभाव. अन्य ट्रव्यपर पहुंचाना चाहते, नोय, अच्छी तरह चढ़ाया जानेवाला। तब उसे उसके पास एक्सपोज़ करते हैं। फोटो एटा-१ युक्त प्रान्तका एक जिल्ला। यह अक्षा. २७. उतारते समय लेंसका मुख उद्घाटित करना भी, १८४२” तथा २८. १३८” उ० और द्राधि. ७. एक्सपोज ही कहाता है। । २०२६“एवं ७e. १९२३“पू. पर अवस्थित है। एखनी (फा० स्त्री०) यूष, शोरबा। एखनी मांसमें दक्षिण सीमापर गङ्गा बहती हैं। क्षेत्रफल १७३८ वर्ग- ही होती है। मौल है। कासगंज नगर व्यवसायका केन्द्र है। काली एगानगी (फा० स्त्री०) १ ऐक्य, हेलमेल । २ सुहृद नदी गङ्गामें मिरती है। इस जिलेमें वृक्ष बहुत कम हैं। भाव, दोस्ती। ___ कहते-प्राचीन समयको कालोको उपत्यकामें एगाना (फा०वि०) सुहृद्, मली। बड़े बड़े नगर बसते थे। ५वीं और ७वौं ई० शताब्दोके एज (सं० धा.) म्वा० आत्म• अक० सेट । चीना परिव्राजक भी उस विषयका वर्णन लिख गये "एजङ दोनो" ( कविकपटुम) १ दीप्ति पाना, चमकना। हैं। एटा जिलेमें उस समय अनेक मन्दिर और भ्वा० पर० सक० सेट । “राजु कम्पे ।" ( कविकल्पद्रुम) मठ बने थे, जिन्हें देखने स्वयं बुद्द गये। अतरंजीके २ कम्पन देना, कंपाना। नष्टभ्रष्ट मृत्तिकाचयसे उनके जीवनका घनिष्ट सम्बन्ध । एजक (सं० त्रि.) कम्पित कर देनेवाला, जो कंपा रहा। सम्भवतः ६४ शताब्दसे १०म शताब्द पर्यन्त देता हो। पहोरों और भारोंका राज्य चला, फिर राजपूतोंको एजत् (सं० क्ली०) चैतन्य वा सजीव वस्तु, चलती- अधिकार मिला। १०१७ ई०को कनौज पर चढ़ते फिरती या जीती-जागती चीज़। समय महमुद गजनवीने एटेपर जरूर हाथ एजत्क (सं• त्रि.) १ कम्पनशील, जो कंप रहा। फेरा होगा। फिर दो शताब्द बाद यमुनाको द्रोणोमें हो। (पु०) २ कोटविशेष, एक कोडा। राठौर जयचन्द्रसे लड़ने जाते मुहम्मद गोरीको फौज एजधु (सं० पु.) एज अथू। कम्प, कंपाई।। इसे जिलसे निकली होगी। उसी समयसे एटा एजन (सं. लो. ) एज् भावे व ट। कम्पन, । मुसलमानोंके अधीन चला पाता है। पहले पटियाली कंपाई। .... प्रधान नगर और डाकुवोंका घर था। १२७०ई०को Vol. III 121